पंधारी यादव को फूलपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 20 Apr 2019 07:50:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 पंधारी यादव को फूलपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है, पंधारी यादव फिलहाल सपा के प्रदेश सचिव हैं http://www.shauryatimes.com/news/40316 Sat, 20 Apr 2019 07:50:51 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=40316 उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट से शनिवार (20 अप्रैल) को समाजवादी पार्टी ने पूर्व जिला अध्यक्ष पंधारी यादव को फूलपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है. पंधारी यादव फिलहाल सपा के प्रदेश सचिव हैं. साल 2014 में पहली बार इस सीट पर मोदी लहर में कमल खिला, लेकिन डिप्टी सीएम बनने के बाद साल 2017 में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और 2018 में हुए उपचुनाव में सपा इस सीट से जीत दर्ज की. ये इलाहाबाद जिले में स्थित है. इस सीट पर तीन बार उपचुनाव हो चुका है. फूलपुर सीट से कभी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चुनाव लड़ा.

2014 में ये था आंकड़ा
साल 2014 में मोदी लहर में बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर कमल खिला दिया. साल 2014 में बीजेपी के केशव मौर्य ने इस सीट से जीत दर्ज की थी. उन्हें जनता ने 5,03,564 के रिकॉर्ड वोट से जी दर्ज की थी. सपा के धर्मराज सिंह पटेल दूसरे, बीएसपी के कपिलमुनि करवरिया तीसरे और कांग्रेस के मो. कैफ तीसरे स्थान पर रहे थे. 

2018 में हुआ उपचुनाव
केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद उन्होंने फूलपुर लोकसभा से इस्तीफा दिया. सीट के खाली होने के बाद साल 2018 में बीजेपी 2014 की जीत को दोहरा नहीं सकी. सपा के नागेंद्र पटेल ने बीजेपी कौशलेंद्र पटेल को मात दी थी. उपचुनाव में बसपा-सपा और कांग्रेस ने गठबंधन किया था. इसलिए इस सीट से कांग्रेस और बसपा ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. सपा के नागेंद्र पटेल को 3,42,922, बीजेपी के कौशलेंद्र पटेल 2,83,462 औऱ निर्दलीय उम्मीदवार अतीक अहमद को 48,094 वोट मिले थे. 

पहली बार पंडित नेहरू बने थे यहां से सांसद
देश के पहले प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के बाद पहली बार साल 1952 में हुए लोकसभा चुनाव में फूलपुर संसदीय सीट लड़ा. साल 1957 में इलाहाबाद पूर्व और जौनपुर पश्चिम लोकसभा सीट का नाम बदलकर फूलपुर कर दिया गया. साल 1957 में फिर मैदान फतह करने के बाद के बाद साल 1962 में जवाहरलाल नेहरू की टक्कर समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया से हुई, लेकिन नेहरू के आगे वो चुनावी मैदान में पस्त हो गए. 27 मई 1964 को जवाहर लाल नेहरू का निधन हो गया. 1964 में हुए उपचुनाव में जवाहर लाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनीं. 

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