पटना यूनिवर्सिटी के बीएन कॉलेज के प्राेफेसर लवगुरू मटुकनाथ चौधरी आज रिटायर हो रहे हैं – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 31 Oct 2018 07:56:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 पटना यूनिवर्सिटी के बीएन कॉलेज के प्राेफेसर लवगुरू मटुकनाथ चौधरी आज रिटायर हो रहे हैं http://www.shauryatimes.com/news/16679 Wed, 31 Oct 2018 07:56:32 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=16679 लवगुरू के नाम से फेमस पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज में हिंदी विभाग के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी आज रिटायर हो रहे हैं। अपने रिटायरमेंट से पहले आज उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा है कि- मैं 65 वर्ष का लरिका हूं ! मेरी जवानी ने अभी अंगड़ाई ली है ! मेरे अंग-अंग से यौवन की उमंग छलक रही है ! जब मैं मस्त होकर तेज चलता हूं तो लोग नजर लगाते हैं ! दौड़ता हूं तो दांतों तले उंगली दबाते हैं —

अब हम कैसे चलीं डगरिया

लोगवा नजर लगावेला !

मेरी खुशनसीबी कि इस चढ़ती जवानी में रिटायर हो रहा हूं ! लोग पूछते हैं कि रिटायरमेंट के बाद क्या कीजिएगा ? 

चढ़ती जवानी में जो किया जाता है, वही करूंगा !

मतलब ?

मतलब यह कि मैं ब्याह करूंगा …

बरतुहार बहुत तंग कर रहे हैं ! उनकी आवाजाही बढ़ गई है ! लेकिन मैं एक अनुशासित, शर्मीला और परंपरा प्रेमी लरिका हूं ! इसलिए खुद बरतुहार से बात नहीं करता हूं ।उन्हें गार्जियन के पास भेज देता हूं ! मेरे विद्यार्थी ही मेरे गार्जियन हैं ! वे जो तय कर देंगे, आंख मूंदकर मानूँगा ! उनसे बड़ा हितैषी मेरा कोई नहीं हो सकता ! 

हंसी-मजाक छोड़िए । बताइये कि रिटायरमेंट के बाद क्या योजना है ? क्योंकि आप जो योजना बनाते हैं, उसे पूरा करके ही दम मारते हैं ! 

अब हम केवल मस्ती करेगा…

विदा हुआ वह मटुकनाथ जो योजना बनाता था और उसे पूरा करने में लहू सुखाता था ।अब हम केवल मस्ती करेगा ! सबसे पहले हम ब्याह करेगा ! इसलिए आपलोगों का दायित्व है कि एक सुटेबल कन्या से मेरा ब्याह कराइये, फिर मेरी चाल देखिए ! विवाह के पहले कुछ नहीं करने का ! कुछ नहीं सोचने का ! 

आज मेरा रिटायरमेंट डे है । वास्तव में यह मेरा स्वाधीनता दिवस है ! व्यर्थ के कार्यों से मुक्ति मिलने का आनंद मेरी रगों में दौड़ रहा है ! विश्वविद्यालय के क्लास बकवास हैं ! विद्यार्थियों की प्रतिभा कुंद करने के सिवा वहाँ कोई रचनात्मक काम संभव नहीं !

खुशी इस बात की है कि इस हिंसात्मक शिक्षा में जुटे रहने की बाध्यता से मुक्ति मिल रही है ! अब मैं जिस दिशा में कदम रखूंगा, वह वास्तविक शिक्षा होगी ! किंतु, मैं कोई योजना बनाकर उसे पूरा करने के तनाव में नहीं पड़ूंगा । मन की तरंग पर सवार होकर उड़ूंगा ! अस्तित्व जो करवाना चाहेगा, उसी की इच्छा में अपनी इच्छा को लय करूंगा ! 

आत्म-सुख मेरी प्राथमिकता होगी । मेरी समझ है कि केवल सुखी व्यक्ति दूसरों को सुख पहुंचाने में सहायक हो सकता है । समाज, देश और दुनिया को बदलने का नारा विशुद्ध धोखा है।

एक दशक पहले चर्चा में आए थे मटुकनाथ, जूली के प्यार ने बना दिया था लवगुरू

एक दशक पहले लवगुरू बनकर चर्चा में आए थे। पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज में हिंदी विभाग के 51 साल के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी ने अपनी 21 साल की शिष्या जूली को अपने जीवन का प्यार बताते हुए उसके साथ ही जीवन बिताने का फैसला किया था, जिसके बाद उनकी पत्नी ने सरेआम दोनों की जमकर बेइज्जती की थी और ये खबर अखबारों और मीडिया चैनल्स की सुर्खियां बनीं थीं। जूली के लिए मटुकनाथ ने समाज की परवाह किए बिना अपनी पत्नी को भी छोड़ दिया था।

पत्नी ने की बेइज्जती, नौकरी भी चली गई थी 

यूनिवर्सिटी ने पहले उन्हें निलंबित किया और बाद में कॉलेज से निकाल दिया। उनकी पत्नी ने टीवी पत्रकारों के साथ उस घर पर छापा पड़वाया जहां वह अपनी स्टूडेंट के साथ लिव इन में रह रहे थे। उनकी पत्नी ने मटुकनाथ को गिरफ्तार भी करवाया और आरोप लगाया कि वह स्टूडेंट्स को ज्यादा नंबर देने का वादा करके प्रलोभन देते थे। इसके बाद मटुकनाथ ने तलाक और यूनिवर्सिटी से निलंबन की बहाली के लिए कोर्ट के चक्कर भी लगाए। 

पत्नी के बाद जूली भी छोड़ गई, अकेले रह गए हैं मटुकनाथ

उनके साथ लिव इन में रह रही उनकी प्रेमिका कम शिष्या जूली भी उन्हें छोड़कर दूर चली गई है। लेकिन मटुकनाथ का कहना है कि जूली उनसे दूर नहीं गईं उनके दिल में ही रहती हैं। 

बीएचयू और जेएनयू जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पढ़ी मटुकनाथ की जूली को उनके साथ रहते हुए करीब चार साल पहले अध्यात्म पसंद आ गया और उसके बाद उसने पुड्डुचेरी, ऋषिकेश, पुणे के ओशो आश्रम में समय बिताना शुरू कर दिया।

मटुकनाथ कहते हैं, ‘जब-जब वह पटना आती थी तो कुछ दिनों के लिए मेरे साथ रहती थी। फिर हमने तय किया कि वह फुलटाइम अध्यात्म की शरण में रहेंगी। मटुकनाथ ने बताया कि वह शांति की खोज के लिए जूली को मुक्त करना चाहते थे। 

मटुकनाथ और जूली में था 30 साल की उम्र का अंतर 

दोनों की उम्र में काफी अंतर है लेकिन उन्होंने कहा कि इतना अंतर उनके बीच कभी मुद्दा नहीं बना। वह कहते हैं, ‘जूली आज भी कहती हैं कि हमारी मेंटल ऐज समान है।’ मटुकनाथ जूली के साथ अपने खुशहाल दिनों की तस्वीरें दिखाते हुए याद करते हैं। एक तस्वीर जिसमें वह खुशमिजाज नजर आ रहे हैं और रिक्शा चला रहे हैं जबकि जूली रिक्शे की सीट पर बैठी हुई हैं। 

अकेले जीवनयापन कर रहे लवगुरू मटुकनाथ कहते हैं कि कोई नहीं जानता कि परिस्थितियां कब बदल जाएं?हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। हम और जूली करीब दस साल तक साथ रहे। फिर अचानक जूली का सांसारिक मोह-माया से लगाव हटने लगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने  मटुकनाथ को पत्नी का गुजारा भत्ता देने का अादेश दिया है।

प्यार को चाहा, प्यार को पाया, कोई पछतावा नहीं

इसके बावजूद मटुकनाथ का कहना है कि लोगों का नजरिया मेरे प्रति बदला है। जब मेरी पत्नी ने पूरे देश के सामने मुझे अपमानित किया तब लोगों ने मेरा मजाक बनाया, वे मुझपर हंसते थे लेकिन आज वही लोग प्यार के प्रति मेरे यकीन पर मेरी तारीफ करते हैं। मुझे कोई पछतावा नहीं है। मैंने वही किया जो मुझे सही लगा। लोग अपनी राय बनाने के लिए आजाद हैं।’ 

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