पानी पीकर भेड़ों का बदला व्यवहार – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 12 Dec 2019 07:14:46 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 फैक्‍ट्री ने पानी में मिला दिया वियाग्रा, पानी पीकर भेड़ों का बदला व्यवहार, जाने फ‍िर क्‍या हुआ http://www.shauryatimes.com/news/69142 Thu, 12 Dec 2019 07:14:46 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=69142 दक्षिण आयरलैंड (Southern Ireland) की घटना है। यहां के रिंगास्किड्डी हार्बर (Ringaskiddy harbour) के पास हजारों भेड़ें चर रही थीं। चरवाहों ने बताया कि हार्बर का पानी पीकर 80 हजार भेड़ें और कुछ मवेशी असामान्य व्यवहार करने लगे। दरअसल, हुआ यह था कि दुर्घटना के तहत एक जानी-मानी दवा कंपनी की हजारों किलोग्राम यौनवर्धक दवाएं (spilled tonnes of Viagra) उस पानी में घुल गई। इसी पानी को पीकर भेड़ें असामान्य यौन व्यवहार करने लगीं। 

शुरुआत में कंपनी ने गलती मानी कि उसकी चूक से 755 टन दवा (spilled tonnes of Viagra) यहां के पानी में घुल गई। बाद में कंपनी अपनी बात से मुकर गई। कंपनी ने दावा किया कि वह अपने संयंत्र के पास के पर्यावरण और समुदायों को संरक्षित रखने के प्रति प्रतिबद्ध रहती है। कंपनी पर्यावरण के आदर्श मानकों का पालन करती है और मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को बचाने के लिए स्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग से उसे लाइसेंस हासिल है।

पहले तो इस घटना के बारे में चरवाहों को समझ नहीं आया। लेकिन जब भेड़ों का बर्ताव एक हफ्ते तक असामान्‍य रहा तो चरवाहों की शिकायत के बाद घटना की पड़ताल की गई। जांच में सामने आया कि इलाके में मौजूद ड्रग मैन्‍यूफैक्‍चरिंग कंपनी ने गलती से पास में पहले वाले रिंगाडिस्‍की हार्बर में यौन उत्‍तेजक दवाएं डाल दी थी। जिससे यह पानी पीकर एक हफ्ते तक भेड़ें असामान्‍य व्‍यवहार करने लगीं और चरवाहे परेशान रहे। बता दें कि इलाके के चरवाहे इसी नदी का पानी पिलाने के लिए अपनी भेड़ें लाते थे।

बता दें कि अभी हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा है कि लगातार गर्म होती जलवायु के कारण कई पक्षियों को आकार तो सिकुड़ रहा है, लेकिन इनके पंखों का फैलाव ज्यादा होने लगा है। जलवायु परिवर्तन के खतरों का आकलन करने वाले एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया। अमेरिका की मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शिकागो में इमारतों से टकराने के कारण नीचे गिरने वाले प्रवासी पक्षियों की 52 प्रजातियों के एक डाटा सेट का विश्लेषण कर यह चौंकाने वाला खुलासा किया था।

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