फिच ने घटाया भारतीय GDP का अनुमान – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 23 Mar 2019 06:49:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 फिच ने घटाया भारतीय GDP का अनुमान, कहा-उम्मीद से कम रहेगी आर्थिक रफ्तार http://www.shauryatimes.com/news/36552 Sat, 23 Mar 2019 06:49:57 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=36552 अर्थव्यवस्था में उम्मीद से कम की रफ्तार का अनुमान लगाते हुए रेटिंग एजेंसी फिच ने अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के लक्ष्य को कम कर दिया है।फिच ने अपनी रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष के दौरान 6.8 फीसद जीडीपी का अनुमान लगाया है, जो पहले 7 फीसद था।

ग्लोबल इकॉनमिक आउटलुक में फिच ने कहा, ‘हमने अगले वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया है और इसकी वजह से आर्थिक गतिविधियों में उम्मीद से कम की रफ्तार है। हमें अभी भी लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021 में पूर्व के 7.1 फीसद के मुकाबले 6.8 फीसद की दर से आगे बढ़ेगी।’

फिच इससे पहले वित्त वर्ष 2019 के लिए भी जीडीपी के पूर्वानुमान को 7.8 फीसद से घटाकर 7.2 फीसद कर चुका है।

रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020 और 2021 के लिए जीडीपी अनुमान को 7.3 फीसद से 7 फीसद और 7.3 फीसद से 7.1 फीसद कर चुका है।

गौरतलब है कि दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने के बाद सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को घटाकर 7 फीसद कर दिया है। इससे पहले यह अनुमान 7.2 फीसद का था। भारत ने यह अनुमान वैसे समय में घटाया है, जब लगातार दूसरी तिमाही में जीडीपी में गिरावट आई है।

दिसंबर तिमाही में भारतीय जीडीपी 6.4 फीसद रही, जिसके बाद सरकार ने पूरे साल के लिए जारी पूर्वानुमान को संशोधित कर दिया।

हालांकि, इस कटौती के बाद भी भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

नोमुरा ने भी 7% से नीचे का जताया है अनुमान: इससे पहले नोमुरा ने भी अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 फीसद से नीचे रहने का अनुमान लगाया है। जापानी ब्रोकरेज एजेंसी नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे तेल की गिरती कीमतों और विस्तारवादी बजट के बावजूद 2019-20 में भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 7 फीसद से नीचे रहने की संभावना ”बहुत ज्यादा” है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक मंदी, सख्त वित्तीय स्थिति और चुनावी साल की राजनीतिक अनिश्चितता आर्थिक वृद्धि की राह में सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी।

नोमुरा ने कहा है, ‘इन चुनौतियों की वजह से खपत और निवेश में कमी आएगी, जिससे वृद्धि दर को झटका लगेगा।’ साथ ही चुनाव की वजह से नए निवेश की ”संभावना बेहद कमजोर” हो गई है।

ब्रोकरेज एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020 के लिए 6.8 फीसद जबकि वित्त वर्ष 2019 के लिए करीब 7 फीसद का अनुमान जताया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2020 के लिए 7.4 फीसद जीडीपी का अनुमान जाहिर किया है।

मूडीज का अनुमान: मूडीज के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के कैलेंडर वर्ष 2019 और 2020 में 7.3 फीसद की दर से बढ़ने की उम्मीद है और इस साल चुनावों से पहले सरकारी खर्च की घोषणा की जाएगी जिससे कि निकट अवधि में वृद्धि को सहारा मिलेगा।

मूडीज ने वर्ष 2019 और 2020 के लिए अपने तिमाही ग्लोबल मैक्रो आउटलुक में कहा है, “हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2019 और 2020 दोनों वर्षों में 7.3 फीसद की ग्रोथ से बढ़ेगी।”

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