फुटबॉल खेलने वाली एक महिला फुटबॉलर आर्थिक तंगहाली के कारण जलपाईगुड़ी में सड़क पर चाय बेचने को मजबूर है – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 30 Oct 2018 06:55:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 फुटबॉल खेलने वाली एक महिला फुटबॉलर आर्थिक तंगहाली के कारण जलपाईगुड़ी में सड़क पर चाय बेचने को मजबूर है http://www.shauryatimes.com/news/16528 Tue, 30 Oct 2018 06:55:08 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=16528 दस साल पहले भारत के लिए फुटबॉल खेलने वाली एक महिला फुटबॉलर आर्थिक तंगहाली के कारण जलपाईगुड़ी में सड़क पर चाय बेचने को मजबूर है.

छब्बीस साल की कल्पना रॉय अभी भी 30 लड़कों को दिन में दो बार प्रशिक्षण देती हैं. उनका सपना एक बार फिर देश के लिए खेलने का है.

कल्पना को 2013 में भारतीय फुटबॉल संघ द्वारा आयोजित महिला लीग के दौरान दाहिने पैर में चोट लगी थी. उसने कहा, ‘मुझे इससे उबरने में एक साल लगा. मुझे किसी से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली. इसके अलावा तब से मैं चाय का ठेला लगा रही हूं.’

उसके पिता चाय का ठेला लगाते थे, लेकिन अब वह बढ़ती उम्र की बीमारियों से परेशान है. उसने कहा, ‘सीनियर राष्ट्रीय टीम के लिए ट्रायल के लिए मुझे बुलाया गया था, लेकिन आर्थिक दिक्कतों के कारण मैं नहीं गई. मेरे पास कोलकाता में रहने की कोई जगह नहीं है. इसके अलावा अगर मैं गई तो परिवार को कौन देखेगा. मेरे पिता की तबीयत ठीक नहीं रहती.’

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कल्पना पांच बहनों में सबसे छोटी है. उनमें से चार की शादी हो चुकी है और एक उसके साथ रहती है. उनकी मां का चार साल पहले निधन हो गया. अब परिवार कल्पना ही चलाती हैं.

कल्पना ने 2008 में अंडर-19 फुटबॉलर के तौर पर चार अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. अब वह 30 लड़कों को सुबह और शाम कोचिंग देती हैं. वह चार बजे दुकान बंद करके दो घंटे अभ्यास कराती हैं और फिर दुकान खोलती हैं.

कल्पना ने कहा, ‘लड़कों का क्लब मुझे 3000 रूपए महीना देता है जो मेरे लिए बहुत जरूरी है.’ कल्पना ने कहा कि वह सीनियर स्तर पर खेलने के लिए फिट है और कोचिंग के लिये अनुभवी भी. उसने कहा, ‘मैं दोनों तरीकों से योगदान दे सकती हूं. मुझे एक नौकरी की जरूरत है ताकि परिवार चला सकूं.’

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