बाबूलाल की घर वापसी तय – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 11 Jan 2020 06:45:23 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 बाबूलाल की घर वापसी तय, शुभ मुहूर्त का इंतजार; कभी भी भाजपा में शामिल होने की घोषणा http://www.shauryatimes.com/news/73533 Sat, 11 Jan 2020 06:45:23 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=73533 झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी की भाजपा में वापसी अब लगभग तय मानी जा रही है, इंतजार बस शुभ मुहूर्त का है और यह शुभ मुहूर्त खरमास के बाद से शुरू हो रहा है। बाबूलाल फिलहाल विदेश दौरे पर हैं और भाजपा के शीर्ष नेताओं के संपर्क में बताए जा रहे हैं। उनके करीबियों का कहना है कि निजी दौरे पर विदेश गए हैैं। उनके 15 जनवरी से पहले लौट आने की बात कही जा रही है।

सूत्रों की मानें तो बाबूलाल मरांडी 15 जनवरी को विधिवत भाजपा की सदस्यता दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में लेंगे। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें झारखंड में नेता प्रतिपक्ष की कमान सौंप सकता है। भाजपा ने अब तक यह पद रिक्त रखा है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि खरमास के बाद ही भाजपा में विधायक दल का नेता का चयन किया जाएगा। हालांकि, उनके समक्ष प्रदेश अध्यक्ष जैसे अन्य विकल्प भी खुले रहेंगे।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि झारखंड विधानसभा के चुनाव परिणाम ने भाजपा और बाबूलाल को इस कदर तोड़ दिया है कि उनके पास अब एक-दूसरे से जुडऩे के अलावा कोई रास्ता नहीं रह गया है। बाबूलाल मरांडी ने पांच जनवरी को झाविमो की कार्यसमिति को भंग कर दिया था, तभी से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों ने ज्यादा जोर पकड़ लिया है। हालांकि बाबूलाल की पार्टी में वापसी को लेकर प्रदेश भाजपा में सन्नाटा है। इस मामले से सभी खुद को अनभिज्ञ बता रहे हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने ऐसी किसी भी जानकारी ने इन्कार किया, लेकिन इतना अवश्य कहा कि अगर बाबूलाल मरांडी जैसे नेता भाजपा में वापस आते हैं तो उनका स्वागत होना चाहिए।

चुनाव से पूर्व ही तैयार हो गया था मिलन का प्लॉट

बाबूलाल की घर वापसी का प्लॉट झारखंड विधानसभा चुनाव से पूर्व ही तैयार हो गया था। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और झाविमो दोनों को ही मौजूदा परिणाम से बेहतर की उम्मीद थी। यह माना जा रहा है कि भाजपा बहुमत से जितना पीछे रहेगी उसकी भरपाई बाबूलाल की पार्टी के विलय से पूरी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। भाजपा को चुनाव में महज 25 और झाविमो को तीन सीटें ही हासिल हुईं।

क्या बन रहे भावी समीकरण

  1. झाविमो की कार्यसमिति भंग हो चुकी है ऐसे में अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के पास सर्वाधिकार सुरक्षित हो गए हैं। वे चाहें तो अपनी पूरी पार्टी का विलय भाजपा में कर सकते हैं।
  2. हालांकि, ऐसी स्थिति में भी उनके विधायकों के पास अलग राह पकडऩे का विकल्प खुला रहेगा। पार्टी में बाबूलाल के अलावा प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मिलाकर कुल तीन विधायक हैैं। बाबूलाल के अलावा बाकी के दोनों विधायक यदि एक साथ किसी अन्य दल में शामिल होना चाहें या कोई अन्य दल बनाना चाहें तो बहुमत उन्हें इसकी इजाजत देता है।
  3. अगर बाबूलाल भाजपा में अपनी पार्टी का विलय करते हैं तो भाजपा उन्हें विधायक दल का नेता घोषित कर सकती है। ऐसी स्थिति में भाजपा के पास सत्तापक्ष को चुनौती देने के लिए एक मजबूत आदिवासी चेहरा होगा।
]]>