‘बेटी बचाओ – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 05 Feb 2021 06:48:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का दिखने लगा असर, इन राज्यों के लिंगानुपात में दिखा सुधार http://www.shauryatimes.com/news/101175 Fri, 05 Feb 2021 06:48:43 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=101175 बेटियों का जीवन बचाने और जीवन स्तर उठाने के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का असर दिखने लगा है। पिछले छह साल में लिगानुपात में सुधार आया है। 2014–15 में 1,000 बालकों में बालिकाओं की संख्या 918 थी, जो कि 2019–20 में बढ़कर 934 हो गई है।

लिगानुपात में खराब स्थिति वाले हरियाणा, चंडीग़़ढ, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश आदि में अच्छा सुधार आया है। हालांकि बिहार, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, नगालैंड, त्रिपुरा, दादर नागर हवेली और लक्षद्वीप में लिगानुपात गिरा है और स्थिति पहले से खराब हुई है। इसके अलावा बाकी राज्यों में बालिकाओं की संख्या में पहले से सुधार आया है। झारखंड और मिजोरम में स्थिति ठीक वैसी ही है जैसी छह साल पहले थी। झारखंड में प्रति 1,000 बालकों पर बालिकाओं की संख्या 920 और मिजोरम में 971 है।

बालकों की तुलना में बालिकाओं की घटती संख्या से देश की सरकारें चितित तो बहुत पहले थीं और इस दिशा में कदम भी उठाए जा रहे थे। लेकिन मोदी सरकार द्वारा चलाया गया ‘बेटी बचाओ, बेटी प़़ढाओ’ अभियान इस दिशा में सबसे कारगर साबित हुआ। बेटियों के प्रति भेदभाव और उनके जन्म को कमतर आंकने वाले समाज की नकारात्मक सोच पिछले छह वषर्षो में कितनी बदली है, इसका सीधा उदाहरण सुधरता लिगानुपात है। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा गुरवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में दिए गए ब्योरे में सुखद तस्वीर सामने आती है।

मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में 2014–15 में ‘बेटी बचाओ, बेटी प़़ढाओ’ अभियान की शुरआत की थी। योजना का उद्देश्य घटते लिगानुपात को सुधारना था। नीति आयोग की आकलन रिपोर्ट भी मानती है कि यह योजना लैंगिक भेदभाव कम करने, ल़़डकियों को महत्व प्रदान करने और जन भागीदारी पैदा करने में कारगर रही है। इस योजना से लोगों में बेटियों को लेकर उच्च स्तरीय जागरूकता आई है।

इन राज्यों के लिंगानुपात में दिखा सुधार

हरियाणा में 876 से ब़़ढकर 924 चंडीग़़ढ में 874 से 935 उत्तर प्रदेश में 885 से 928 पंजाब में 892 से 920 हिमाचल प्रदेश में 897 से 933 राजस्थान में 929 से ब़़ढकर 948

 

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