बैकफुट पर रहा पाक – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 27 Dec 2019 06:56:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 संयुक्‍त राष्‍ट्र में आतंकवाद के खिलाफ मोर्चेबंदी में भारत ने मनवाया लोहा, बैकफुट पर रहा पाक http://www.shauryatimes.com/news/71317 Fri, 27 Dec 2019 06:56:08 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=71317  भारत ने 10 साल के अथक प्रयासों के बाद 2019 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में सफलता हासिल की। यह संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद-विरोधी मोर्चे पर भारतीय नेतृत्व की अहमियत को बताता है। भारत ने जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ विकास के मुद्दे पर भी आगे बढ़कर पूरी दुनिया का नेतृत्व किया। आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई और आतंकियों को न्याय के कठघरे तक पहुंचाने की इसकी प्रतिबद्धता को वर्ष 2019 के ऐतिहासिक लम्हों के तौर पर याद किया जाएगा।

पुलवामा आतंकी हमले पर आक्रामक रुख

जैश-ए-मुहम्मद द्वारा 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमले ने सभी को आक्रोशित कर दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इसकी कड़ी निंदा की। पहली बार संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों ने एक बयान जारी किया। उक्‍त बयान में पुलवामा में घृणित और कायराना आत्मघाती हमले की सख्त लहजे में निंदा की गई। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

अजहर पर पाबंदी

इस घटना के दो महीने बाद भारत को उस वक्त बड़ी सफलता हाथ लगी, जब सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति ने 1 मई को अजहर पर पाबंदी लगा दी। परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने शुरुआत में तकनीकी आधार पर अड़ंगा लगाते हुए वीटो का प्रयोग किया, लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव के बाद चीन पीछे हट गया।

हाफ‍िज पर भी नकेल

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘अगर हम पीछे मुड़कर देखें, तो यह साल हमारे लिए कई सफलताओं वाला रहा। यह ऐसा साल रहा, जब हमें हमारे वर्षो के प्रयासों का फल मिला। लगभग एक दशक की कोशिशों के बाद हम मसूद अजहर को आतंकवादियों की सूची में डलवाने में सफल रहे।’ उन्होंने कहा, ‘पुलवामा हमले के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर बयान जारी किया। ऐसा पहली बार हुआ। हाफिज सईद को आतंकवादियों की सूची से बाहर करने की कोशिशों को भी हमने विफल किया।’

सुरक्षा परिषद में निर्विरोध चयन

वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक जीत का एक पहलू यह भी रहा कि एशिया-प्रशांत समूह द्वारा सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत को 2021-22 के लिए निर्विरोध चुनने की वकालत की गई। दो वर्ष की अवधि 2021-22 के लिए सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव अगले साल जून में होगा। भारत की आसान जीत उसे शक्तिशाली देशों के बराबर ला खड़ा करेगी।

कई मसलों पर की दुनिया की अगुवाई

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद विरोधी मोर्चे के अलावा अन्य कई मुद्दों पर भी पूरी दुनिया की अगुआई की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में सुरक्षा परिषद के सत्र के दौरान 50 किलोवाट का ‘गांधी सोलर पार्क’ का उद्घाटन किया, जो जलवायु परिवर्तन पर बातचीत से आगे कदम उठाने के स्तर पर भारत की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। भारत ने 10 लाख अमेरिकी डॉलर की लागत के 193 सोलर पैनल उपहार में दिए, जो संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की छत पर सदस्य देशों के लिए लगे हैं। यह भी जलवायु और नवीनीकृत ऊर्जा को लेकर भारत की प्रतिबद्धता की ओर इशारा करता है।

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