भारतीय रेलवे ने रचा इतिहास – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 09 Dec 2018 09:23:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 भारतीय रेलवे ने रचा इतिहास, डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक में बदलकर करोड़ों बचाए http://www.shauryatimes.com/news/22065 Sun, 09 Dec 2018 09:23:31 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=22065  भारतीय रेलवे ने इतिहास रचते हुए एक डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक में बदला है. वाराणसी के डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका) ने यह कमाल कर दिखाया है. 2600 हॉर्स पावर के डब्लूएजीसी 3 श्रेणी के इंजन को 5 हजार हॉर्स पावर का इलेक्ट्रिक इंजन बनाया गया है. मेक इन इंडिया अभियान के तहत स्वदेशी तकनीक से इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में बदलने का काम 69 दिन में पूरा किया गया. 

रेलवे ने कहा है, ‘भारतीय रेलवे के मिशन 100 फीसद विद्युतीकरण और कार्बन मुक्त एजेंडे को ध्यान में रखते हुए डीजल इंजन कारखाना वाराणसी ने डीजल इंजन को नए प्रोटोटाइप इलेक्टि्रक इंजन में विकसित किया है. इंजन को वाराणसी से लुधियाना भेजा गया.”

रेलवे ने डीजल इंजन का मिड लाइफ सुधार नहीं करने की योजना बनाई है. इसकी जगह इन इंजनों को इलेक्टि्रक इंजन में बदलने और कोडल लाइफ तक उनका इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक,  केवल ढाई करोड़ रुपये खर्च करके डीजल लोकोमोटिव को इलेक्ट्रिक में बदला गया. जबकि डीजल इंजन का मिड लाइफ सुधार करने में 5-6 करोड़ का खर्च आता है. इस तरह से रेलवे ने आधी लागत पर इलेक्ट्रिक इंजन तैयार किया है. इससे रेलवे का ईधन खर्च बचेगा और कार्बन उत्सर्जन में भी कटौती होगी. 

डीरेका अब सिर्फ ऐसे इंजनों का होगा उत्पादन 
वाराणसी में स्थित डीजल रेल कारखाना (डीरेका) अगले सत्र से डीजल इंजन की बजाय केवल विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन करेगा. 2018-19 के लिए 173 विद्युत इंजनों के उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था. बाद में अक्टूबर में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 400 कर दिया. 2018-19 से 2021-22 तक डीरेका कुल 998 विद्युत इंजन बनाने का लक्ष्य लेकर काम करेगा. नवंबर 2018 तक डीरेका ने 8306 रेल इंजन बनाए हैं. इसमें 11 देशों को निर्यात किए गए 156 रेल इंजन भी शामिल हैं. 

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