भारत को सोच समझकर बनानी होगी नीति – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 18 Jun 2019 06:54:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 चाबहार पोर्ट से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर संशय, भारत को सोच समझकर बनानी होगी नीति http://www.shauryatimes.com/news/45728 Tue, 18 Jun 2019 06:54:04 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=45728 पहले अफगानिस्तान को लेकर अनिश्चितता और अब ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव। इन दोनों वजहों ने ईरान में चाबहार पोर्ट बना कर अफगानिस्तान व मध्य एशिया में रणनीतिक पैठ बनाने की भारत की योजनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारों का कहना है कि अब जब तक समूचे क्षेत्र में हालात स्पष्ट नहीं होते हैं तब तक भारत के लिए चाबहार पोर्ट से जुड़ी परियोजनाओं पर सोच समझ कर आगे बढ़ने की नीति अपनानी होगी।

चाबहार पोर्ट के विकास को लेकर भारत, अफगानिस्तान और ईरान की अंतिम त्रिपक्षीय बैठक दिसंबर, 2019 में हुई थी। उसके बाद भारत की ईरान और अफगानिस्तान से अलग अलग बात हुई है लेकिन उनमें चाबहार से ज्यादा दूसरे मुद्दे हावी रहे हैं। बिश्केक में पीएम नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की मुलाकात में यह मुद्दा उठता लेकिन अंत समय में यह रद्द हो गया था। इसी बीच ईरान ने इस पोर्ट के विकास में चीन और पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया है। माना जाता है कि यह प्रस्ताव अमेरिकी दबाव में ईरान से तेल नहीं खरीदने के भारत सरकार के फैसले को देखते हुए दिया गया है।

भारत ने आधिकारिक तौर पर इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। चाबहार पोर्ट को भारत ने पाकिस्तान में चीन की तरफ से बनाए जा रहे ग्वादर बंदरगाह के जवाब के तौर पर पर देखा जाता है। ऐसे में भारत कभी नहीं चाहेगा कि उक्त दोनों देश चाबहार में भी निवेश करें। भारत की भावी योजनाओं में चाबहार पर ना सिर्फ एक विशाल औद्योगिक पार्क विकसित करने की है बल्कि इसके जरिए वह अपने उत्पादों को मध्यम एशियाई देशों में भी पहुंचाने की मंशा रखता है। अमेरिकी प्रतिबंधों से चाबहार पोर्ट को आगे बढ़ाने को लेकर भी दिक्कत आ रही है। इस पोर्ट के लिए विशेष तौर पर बनाई गई भारतीय कंपनी आइपीजीपीएल को कोई साझेदार नहीं मिल रहा। ऐसे में चाबहार पोर्ट को लेकर भारत की रणनीति के प्रधान चढ़ने में अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

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