भारत में बड़ी संख्या में सामने आते हैं दहेज हत्या के मामले : रिपोर्ट – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 28 Nov 2018 06:47:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 भारत में बड़ी संख्या में सामने आते हैं दहेज हत्या के मामले : रिपोर्ट http://www.shauryatimes.com/news/20358 Wed, 28 Nov 2018 06:47:31 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=20358  संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन के अनुसार दहेज रोकथाम के लिये कानून होने के बावजूद भारत में महिला हत्याओं के मामले बड़ी संख्या में दहेज हत्या से जुड़े हैं. अध्ययन के अनुसार दुनिया भर में महिलाओं के लिये सबसे खतरनाक जगह उनका घर बन गया है. मादक पदार्थ एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी) की ओर से प्रकाशित नये अनुसंधान के अनुसार पिछले साल दुनिया भर में करीब 87,000 महिलाएं मारी गयीं और इनमें करीब 50,000 या 58 प्रतिशत की मौत उनके करीबी साथी या परिवार के सदस्यों के हाथों हुई.  इसके अनुसार हर घंटे करीब छह महिलाएं परिचित के हाथों मारी जाती हैं.

1995 से 2013 के आंकड़े के अनुसार भारत में वर्ष 2016 में महिला हत्या दर 2.8 प्रतिशत थी जो केन्या (2.6 प्रतिशत), तंजानिया (2.5 प्रतिशत), अजरबैजान (1.8 प्रतिशत), जॉर्डन (0.8 प्रतिशत) और तजाकिस्तान (0.4 प्रतिशत) से अधिक है.  इसके अलावा भारत में 15 से 49 वर्ष उम्र की 33.5 प्रतिशत महिलाओं और लड़कियों ने तथा पिछले एक साल में 18.9 प्रतिशत महिलाओं ने अपने जीवन में कम से कम एक बार शारीरिक हिंसा का सामना किया.

भारत में दहेज से संबंधित मौत के मामले हमेशा से चिंता का विषय बने हुए हैं. अध्ययन में कहा गया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से प्राप्त आंकड़े से यह पता चलता है कि दहेज से संबंधित हत्या के मामले महिलाओं की हत्या के सभी मामलों के 40 से 50 प्रतिशत हैं और इसमें 1999 से 2016 के दौरान एक स्थिर प्रवृत्ति देखी गयी है. इसके अनुसार, ‘‘भारत सरकार द्वारा 1961 में कानून लागू करने के बावजूद दहेज की प्रवृत्ति रुकी नहीं है.

यह चलन देशभर में जारी है और महिला हत्या के मामलों में दहेज हत्या के मामलों की बड़ी हिस्सेदारी है. ’’ अफ्रीका, एशिया और प्रशांत क्षेत्र एवं इससे सटे इलाकों में रहने वाली महिलाएं जादू-टोना के आरोप से भी प्रभावित होती हैं और ये लैंगिक संबंधी हत्याओं का भी कारण हो सकते हैं.  पापुआ न्यू गिनी और भारत में जादू-टोना आरोपों को लेकर महिलाओं की हत्या के मामले दिखाते हैं कि छोटे अनुपात में ही सही लेकिन इस तरह की घटनाएं अब भी मौजूद हैं.

यह अध्ययन महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने के लिये अंतरराष्ट्रीय दिवस पर जारी किया गया. यूएनओडीसी के कार्यकारी निदेशक यूरी फेदोतोव ने कहा, ‘‘लैंगिक असमानता, भेदभाव और नकारात्मक रूढ़ियों के कारण महिलाएं सबसे बड़ी कीमत चुकाती हैं.  यही नहीं उनके अपने बेहद करीबी साथी और परिवार के हाथों मारे जाने की भी आशंका रहती है. ’’ 

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