भारत – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 05 Nov 2020 10:07:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 करतारपुर पर पाकिस्तान के फैसले को निंदनीय’ करार दिया भारत ने http://www.shauryatimes.com/news/89460 Thu, 05 Nov 2020 10:07:30 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=89460 भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधन को एक अलग ट्रस्ट को सौंपे जाने के पाकिस्तान के फैसले को ‘अत्यधिक निंदनीय’ करार देते हुए कहा कि यह सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सिख समुदाय ने भारत को दिए प्रतिवेदन में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से गुरुद्वारा प्रबंधन एवं रखरखाव का काम एक गैर-सिख निकाय, ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ को सौंपने को लेकर चिंता व्यक्त की है।

दोनों देशों ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा साहिब तक गलियारा खोल लोगों को जोड़ने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन एवं रखरखाव के काम को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से लेकर एक अन्य ट्रस्ट ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ को देनी की खबरें देखी हैं, जो कि सिख निकाय नहीं है।’

उसने कहा, ‘पाकिस्तान का यह एकतरफा फैसला ‘अत्यधिक निंदनीय’ है और करतारपुर साहिब गलियारे और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है।’ गौरतलब है कि चार किलोमीटर लंबा करतारपुर गलियारा पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को आपस में जोड़ता है।

भारत को दिए प्रतिवेदन में सिख समुदाय ने पाकिस्तान द्वारा उस देश में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के ‘अधिकारों को निशाना बनाने’ के निर्णय पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय ने कहा, ‘इस तरह की कार्रवाइयां केवल पाकिस्तानी सरकार और उसके नेतृत्व के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और कल्याण के संरक्षण के बड़े बड़े दावों की वास्तविकता को उजागर करती है।’

उसने कहा, ‘पाकिस्तान से अल्पसंख्यक समुदाय सिखों को पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के मामलों के प्रबंधन के अधिकार से वंचित करने के मनमाने फैसले को पलटने का आह्वान किया जाता है।’

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273 कैदी अब भी पाकिस्तान की गिरफ्त में: भारत http://www.shauryatimes.com/news/49156 Thu, 18 Jul 2019 09:52:04 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=49156 पाकिस्तान की कैद में मौजूद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का मामला सुर्खियों में है. पाकिस्तान ने उन्हें जासूसी के झूठे मामले में फंसाकर फांसी की सजा सुनाई है. अंतरराष्ट्रीय अदालत ने इस मसले पर भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कुलभूषण जाधव की सजा पर पाकिस्तान से पुनर्विचार करने को कहा है. ऐसे में एक बार फिर से पाकिस्तान में कैद भारतीयों का मामला चर्चा में है. अब केंद्र सरकार ने बताया है कि पाकिस्तान में सिविलियन और मछुआरों को लेकर कुल 273 भारतीय कैदी वहां बंद हैं.

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भारत, अमेरिका की चाहत, आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे पाकिस्तान http://www.shauryatimes.com/news/37386 Sat, 30 Mar 2019 06:27:31 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=37386  भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को इस आवश्यकता को पुन: रेखांकित किया कि पाकिस्तान को अपने देश में मौजूद आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के खिलाफ अर्थपूर्ण, ठोस और पुष्टि की जा सकने योग्य कार्रवाई करनी चाहिए. दोनों देशों ने शुक्रवार (29 मार्च) को यहां ‘यूएस इंडिया काउंटरटेरेरिज्म ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप एंड डेजिग्नेशंस डायलॉग’ के दौरान आतंकवादी संगठनों से पैदा होने वाले खतरों पर बात की.

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के आतंकवादी विरोधी समन्वयक राजदूत नाथन सेल्स और भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव महावीर सांघवी ने किया. एक संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘दोनों देशों ने इस बात की आवश्यकता को रेखांकित किया कि पाकिस्तान को आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अर्थपूर्ण, ठोस और पुष्टि की जा सकने योग्य कार्रवाई करनी चाहिए.’’

बयान में बताया गया कि दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों के इस अहम तत्व पर निकटता से समन्वय जारी रखने का संकल्प लिया. संयुक्त बयान में कहा गया कि सेल्स ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार और भारतीयों को अमेरिका के समर्थन पर जोर दिया. अमेरिका ने कहा कि वह आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में भारत का स्वागत करता है.

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ट्रम्प बोले अमेरिका उसी देश का साथ देगा जिसको वह अपना सहयोगी मानता है भारत कि तारीफ़ में कुछ ऐसा बोला  http://www.shauryatimes.com/news/12178 Wed, 26 Sep 2018 05:50:06 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=12178 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका केवल उन्हीं देशों को सहायता देगा जिन्हें वह अपना सहयोगी मानता है. ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण में कहा कि हम देखेंगे कि कहां काम हो रहा है, कहां काम नहीं हो रहा है.

साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस बात का भी खयाल रखेंगे, ‘क्या जो देश हमारे डॉलर और हमारी सुरक्षा लेते हैं, वे हमारे हितों का ख्याल रखते हैं या नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘आगे बढ़ते हुए हम केवल उन्हीं लोगों को विदेशी सहायता देने जा रहे हैं जो हमारा सम्मान करते हैं और स्पष्ट रूप से हमारे दोस्त हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका केवल उन्हीं देशों को सहायता देगा जिन्हें वह अपना सहयोगी मानता है. ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण में कहा कि हम देखेंगे कि कहां काम हो रहा है, कहां काम नहीं हो रहा है.  साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस बात का भी खयाल रखेंगे, 'क्या जो देश हमारे डॉलर और हमारी सुरक्षा लेते हैं, वे हमारे हितों का ख्याल रखते हैं या नहीं.' उन्होंने कहा, 'आगे बढ़ते हुए हम केवल उन्हीं लोगों को विदेशी सहायता देने जा रहे हैं जो हमारा सम्मान करते हैं और स्पष्ट रूप से हमारे दोस्त हैं.'  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए भारत को एक 'मुक्त समाज' बताया और अपने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए मंगलवार को भारत के प्रयासों की जमकर तारीफ की.  संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंगलवार को शुरू हुए जनरल डिबेट को दूसरी बार संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा, 'भारत है, जहां का समाज मुक्त है और एक अरब से अधिक आबादी में लाखों लोगों को सफलतापूर्वक गरीबी से ऊपर उठाते हुए मध्यम वर्ग में पहुंचा दिया.'  करीब 35 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्षों से संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में इतिहास देखा गया. उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष अपने देशों की चुनौतियों, अपने समय के बारे में चर्चा करने आए आए लोगों के भाषणों, संकल्पों और हर शब्दों एवं उम्मीदों में वहीं सवाल कौंधते हैं जो हमारे जेहन में उठते हैं. ट्रम्प ने कहा, 'यह सवाल है कि हम अपने बच्चों के लिए किस तरह की दुनिया छोड़कर जाएंगे और किस तरह का देश उन्हें उत्तराधिकार में मिलेगा.' उन्होंने कहा कि जो सपने यूएनजीए के हॉल में आज दिखे वे उतने ही विविध हैं जितने इस पोडियम पर खड़े लोग और उतने ही विविध हैं जितना संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व है.  उन्होंने कहा, 'यह वास्तव में कुछ है. वास्तव में यह काफी महान इतिहास है.' ट्रम्प ने सऊदी अरब के साहसिक नये सुधारों और इस्राइली गणतंत्र की 70वीं जयंती का उदाहरण दिया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए भारत को एक ‘मुक्त समाज’ बताया और अपने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए मंगलवार को भारत के प्रयासों की जमकर तारीफ की.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंगलवार को शुरू हुए जनरल डिबेट को दूसरी बार संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा, ‘भारत है, जहां का समाज मुक्त है और एक अरब से अधिक आबादी में लाखों लोगों को सफलतापूर्वक गरीबी से ऊपर उठाते हुए मध्यम वर्ग में पहुंचा दिया.’

करीब 35 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्षों से संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में इतिहास देखा गया. उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष अपने देशों की चुनौतियों, अपने समय के बारे में चर्चा करने आए आए लोगों के भाषणों, संकल्पों और हर शब्दों एवं उम्मीदों में वहीं सवाल कौंधते हैं जो हमारे जेहन में उठते हैं.

ट्रम्प ने कहा, ‘यह सवाल है कि हम अपने बच्चों के लिए किस तरह की दुनिया छोड़कर जाएंगे और किस तरह का देश उन्हें उत्तराधिकार में मिलेगा.’ उन्होंने कहा कि जो सपने यूएनजीए के हॉल में आज दिखे वे उतने ही विविध हैं जितने इस पोडियम पर खड़े लोग और उतने ही विविध हैं जितना संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व है.

उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में कुछ है. वास्तव में यह काफी महान इतिहास है.’ ट्रम्प ने सऊदी अरब के साहसिक नये सुधारों और इस्राइली गणतंत्र की 70वीं जयंती का उदाहरण दिया.

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2017 में 59% आतंकी हमला भारत, पाकिस्तान सहित पांच एशियाई देशों में http://www.shauryatimes.com/news/11718 Fri, 21 Sep 2018 06:23:20 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=11718 पिछले साल दुनियाभर में हुए कुल आतंकी हमलों में 59 फीसद निशाना सिर्फ पांच एशियाई देश रहे। भारत और पाकिस्तान भी इसमें शामिल है। गुरुवार को आतंकवाद पर जारी अमेरिकी विदेश विभाग की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में वैश्विक आतंकी हमले 23 फीसद कम हुए हैं। वहीं आतंकी हमलों से होने वाली मौतों में भी 27 फीसद कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया कि आतंक के खात्मे में कुछ हद तक सफलता मिली है लेकिन 2017 में आइएस और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों ने कई नए ठिकाने बनाए हैं जिससे इन्हें चिन्हित करना मुश्किल हो गया है।

पिछले साल दुनियाभर में हुए कुल आतंकी हमलों में 59 फीसद निशाना सिर्फ पांच एशियाई देश रहे। भारत और पाकिस्तान भी इसमें शामिल है। गुरुवार को आतंकवाद पर जारी अमेरिकी विदेश विभाग की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में वैश्विक आतंकी हमले 23 फीसद कम हुए हैं। वहीं आतंकी हमलों से होने वाली मौतों में भी 27 फीसद कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया कि आतंक के खात्मे में कुछ हद तक सफलता मिली है लेकिन 2017 में आइएस और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों ने कई नए ठिकाने बनाए हैं जिससे इन्हें चिन्हित करना मुश्किल हो गया है।    आतंक समर्थक देश बढ़ा रहे खतरा  आतंकवाद पैदा करने वाला ईरान सीरिया, यमन, इराक, बहरीन, अफगानिस्तान और लेबनान में इन देशों की आतंकियों को पोषित करने वाली नीतियों से आतंकवाद फल-फूल रहा है। ईरान के आतंक समर्थन से पैदा हो रहा खतरा न सिर्फ पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी बढ़ रहा है। यहां से आतंकवाद को पोषण देने धन इकट्ठा करने के लिए चलाया जा रहा नेटवर्क दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका तक फैला है।   अमेरिका के मैरीलैंड शहर में शूटआउट, 3 की मौत, कई घायल यह भी पढ़ें   आतंक से निपटने की तैयारी   अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी ने मांगी हिंदू समुदाय से माफी, जानिए ये है कारण यह भी पढ़ें अमेरिका ने आतंकवादी और कट्टरपंथी संगठनों का मुकाबला करने के लिए वैश्विक तौर पर सहभागिता दिखाई है। इनमें कड़ी विमानन सुरक्षा, कानून और नियम को कड़ा करने, आंतकी जानकारी फैलाने और कट्टरपंथी समूहों में भर्ती रोकने जैसी गतिविधियों पर कड़ा रुख किया है।  27% हमलों में होने वाली मौतों में कमी   अकबरुद्दीन ने कहा- यूएन मुख्यालय के सौर प्रोजेक्ट में भारत ने दिए सात करोड़ यह भी पढ़ें वजह: आतंकियों का निशाना रहे इराक में पिछले साल हमलों की संख्या कम रही। इस वजह से वैश्विक आतंकी हमलों और इनमें होने वाली मौतों में कमी आई।     अमेरिका के मध्यावधि संसदीय चुनाव में 12 भारतवंशी मैदान में यह भी पढ़ें पांच देशों में 70 फीसद मौतें  2017 में 100 देशों में आतंकी हमले हुए जिनमें से 59 फीसद सिर्फ पांच एशियाई देशों में हुए। वहीं आतंकी हमलों में मरने वालों में से 70 फीसद दुनिया के सिर्फ पांच देशों में है जिसमें आतंक का गढ़ रहा अफगानिस्तान और सीरिया भी शामिल है।   इस सूट को पहनकर बिना थके कर सकेंगे लंबी यात्रा, यह है खासियत यह भी पढ़ें   आतंक के बदलते ठिकाने   भारत की शांति के लिए खतरा हैं पाकिस्तान में स्थित जैश और लश्कर: अमेरिका यह भी पढ़ें रिपोर्ट के मुताबिक आइएस, अलकायदा और इनमें शामिल अन्य कट्टरपंथी संगठन 2017 में अपने ठिकानों तक सीमित न रहकर पूरी दुनिया खासकर बामाको, बार्सिलोना, बर्लिन, लंदन, मारवी, न्यूयॉर्क जैसे शहरों में फैले हैं। इस वजह से इन्हें खत्म करना कठिन हो गया है।  आइएस का बढ़ता जाल   'चीन-पाक आर्थिक गलियारे का विरोध करने पर बलूचिस्‍तान के लोगों को बनाया जा रहा निशाना' यह भी पढ़ें रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया, इराक युद्ध में हिस्सा लेने और आइएस से जुड़ने गए विदेशी आतंकी लड़ाकों में से कुछ घरों को लौट गए और कुछ अन्य देशों में आइएस की शाखाओं से जुड़ने निकल पड़े। वहीं कुछ हमलावर सीरिया और इराक पहुंचे बिना आइएस के प्रभाव में आकर अपने ही देश र्में ंहसा फैला रहे हैं। ये हमलावर सार्वजनिक स्थान जैसे बाजार, होटल, पर्यटक स्थल को निशाना बनाते हैं।

 

आतंक समर्थक देश बढ़ा रहे खतरा

आतंकवाद पैदा करने वाला ईरान सीरिया, यमन, इराक, बहरीन, अफगानिस्तान और लेबनान में इन देशों की आतंकियों को पोषित करने वाली नीतियों से आतंकवाद फल-फूल रहा है। ईरान के आतंक समर्थन से पैदा हो रहा खतरा न सिर्फ पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी बढ़ रहा है। यहां से आतंकवाद को पोषण देने धन इकट्ठा करने के लिए चलाया जा रहा नेटवर्क दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका तक फैला है।

 

आतंक से निपटने की तैयारी

अमेरिका ने आतंकवादी और कट्टरपंथी संगठनों का मुकाबला करने के लिए वैश्विक तौर पर सहभागिता दिखाई है। इनमें कड़ी विमानन सुरक्षा, कानून और नियम को कड़ा करने, आंतकी जानकारी फैलाने और कट्टरपंथी समूहों में भर्ती रोकने जैसी गतिविधियों पर कड़ा रुख किया है।

27% हमलों में होने वाली मौतों में कमी

वजह: आतंकियों का निशाना रहे इराक में पिछले साल हमलों की संख्या कम रही। इस वजह से वैश्विक आतंकी हमलों और इनमें होने वाली मौतों में कमी आई।

पांच देशों में 70 फीसद मौतें

2017 में 100 देशों में आतंकी हमले हुए जिनमें से 59 फीसद सिर्फ पांच एशियाई देशों में हुए। वहीं आतंकी हमलों में मरने वालों में से 70 फीसद दुनिया के सिर्फ पांच देशों में है जिसमें आतंक का गढ़ रहा अफगानिस्तान और सीरिया भी शामिल है।

आतंक के बदलते ठिकाने

रिपोर्ट के मुताबिक आइएस, अलकायदा और इनमें शामिल अन्य कट्टरपंथी संगठन 2017 में अपने ठिकानों तक सीमित न रहकर पूरी दुनिया खासकर बामाको, बार्सिलोना, बर्लिन, लंदन, मारवी, न्यूयॉर्क जैसे शहरों में फैले हैं। इस वजह से इन्हें खत्म करना कठिन हो गया है।

आइएस का बढ़ता जाल

रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया, इराक युद्ध में हिस्सा लेने और आइएस से जुड़ने गए विदेशी आतंकी लड़ाकों में से कुछ घरों को लौट गए और कुछ अन्य देशों में आइएस की शाखाओं से जुड़ने निकल पड़े। वहीं कुछ हमलावर सीरिया और इराक पहुंचे बिना आइएस के प्रभाव में आकर अपने ही देश र्में ंहसा फैला रहे हैं। ये हमलावर सार्वजनिक स्थान जैसे बाजार, होटल, पर्यटक स्थल को निशाना बनाते हैं। 

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