भावुक होकर बोले कुमारस्वामी- CM बनकर खुश नहीं – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 15 Jul 2018 06:04:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 भावुक होकर बोले कुमारस्वामी- CM बनकर खुश नहीं, नीलकंठ की तरह पी रहा हूं जहर http://www.shauryatimes.com/news/5908 Sun, 15 Jul 2018 06:04:12 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=5908 कर्नाटक में गठबंधन सरकार चलाना एच डी कुमारस्वामी के लिए बोझ बनता जा रहा है. जनता की अपेक्षाओं के दबाव तले दबे मुख्यमंत्री शनिवार को बेंगलुरु में अपने सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि वह सीएम की कुर्सी पर बैठक खुश नहीं हैं.भावुक होकर बोले कुमारस्वामी- CM बनकर खुश नहीं

कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं भगवान विषकंठ (नीलकंठ) की तरह जहर पी रहा हूं. आप सभी मेरे सीएम बनने से खुश होंगे, लेकिन मैं खुश नहीं हूं.’ कुमारस्वामी किसानों की कर्ज माफी के बाद आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘यह सही है कि चुनाव से पहले मैं इस राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहता था और लोगों से बहुत सारे वादे किए थे. लोग अब खुश हैं, लेकिन मैं नहीं हूं.’

कुमारस्वामी ने कहा, ‘अगर मैं चाहूं तो कभी भी अपना पद छोड़ सकता हूं. जहां भी जाता हूं लोग मेरा स्वागत करते हैं और बताते हैं कि वे किसानों की कर्ज माफी से खुश हैं.मगर मुझे दुख होता है कि उन लोगों ने इतना वोट नहीं दिया कि मेरी पार्टी को बहुमत मिले. कोई भी राज्य किसानों का कर्ज माफ नहीं करना चाहता है. विपक्ष निशाना साधने के लिए तैयार बैठा है, लेकिन सरकार ने अपना वादा निभाया और किसानों का कर्ज माफ कर दिया.’

गौरतलब है कि कुमारस्वामी ने राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का पहला बजट पेश करते हुए 34 हजार करोड़ रुपये का किसानों का कर्ज माफ कर दिया. हालांकि कर्जमाफी के साथ सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं जिसके तहत किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री के इस भावुक भाषण की तात्कालिक वजह ‘कुमारस्वामी मेरे सीएम नहीं’ वाली सोशल मीडिया पोस्ट का असर समझा जा रहा है. असल में, कोदागू के एक लड़के ने एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उसके गांव की सड़क बह गई. उसका कहना था कि मुख्यमंत्री को इसकी चिंता ही नहीं है.

कुमारस्वामी ने कहा, ‘कोई नहीं जानता कि कर्ज माफी के लिए अफसरों को मनाने के लिए मुझे कितनी बाजीगरी करनी पड़ी है. अब मैं ‘अन्ना भाग्य योजना’ में 5 किलो चावल की बजाय 7 किलो चाहता हूं. मैं इसके लिए कहां से 2500 करोड़ रुपये लेकर आऊं? टैक्स लगाने के लिए मेरी आलोचना हो रही है. इन सबके बावजूद मीडिया कह रही है कि मेरी कर्ज माफी योजना में स्पष्टता नहीं है.’

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