भेदभाव – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 03 Dec 2019 07:23:29 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सड़क दुर्घटनाओं में ग्रामीणों के मारे जाने की संख्या ज्यादा, देखे लिस्ट http://www.shauryatimes.com/news/67691 Tue, 03 Dec 2019 07:23:29 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=67691 कहते हैं कि मौत कुछ नहीं देखती गरीब-अमीर, बड़ा-छोटा लेकिन सड़क हादसों के मामले में अगर बात करें तो मौत भेदभाव कर रही है. सड़क हादसों और उसमें मरने वालों के आंकड़े देखें तो हम पाते हैं की गांव के लोग हादसों के ज्यादा शिकार हो रहे हैं और मौत गांव के लोगों को ज्यादा परेशान कर रही है. शहर के लोगों को कम तो हम सड़क हादसों के डाटा देखकर यह कह सकते हैं कि मौत गांव और शहर में भेदभाव कर रही है. लोकसभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के जवाब से यह बात सामने आई है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 3 साल के आंकड़े देखें तो 4,50,175 लोगों की मौत एक्सीडेंट में हुई है.

अगर एक्सीडेंट के आंकड़े देखें तो हम पाते हैं कि शहरों में एक्सीडेंट कम हुए हैं.

शहरों में हुई सड़क दुर्घटनाओं की संख्या
साल 2016 में 2,16,813
साल 2017 में 1,95,723
साल 2018 में 1,90,956 

ग्रामीण इलाकों में एक्सीडेंट ज्यादा हुए
साल 2016 में 2,63,839
साल 2017 में 2,69,187
साल 2018 में 2,76,088 

अब मरने वालों के आंकड़ों पर भी गौर कीजिए.

शहरों में हुए एक्सीडेंट में मारे गए लोगों की संख्या
2016 में 57,840
2017 में 51,334
2018 में 51,379 

अब ग्रामीण क्षेत्रों में एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या देखिए
साल 2016 में 92,945
साल 2017 में 96,579
साल 2018 में 1,00,038

आंकड़ों से जाहिर है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ज्यादा मर रहे हैं यहां हादसेे भी ज्यादा हो रहे हैं, यानी मौत यह तो देख रही है कि गांव क्या है शहर क्या है और इसी हिसाब से वह अपना ट्रीटमेंट दे रही है.

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