मर्दों-औरतों का साथ खड़े होकर भोजन करना गैर इस्‍लामी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 20 Dec 2018 09:45:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 दारूल उलूम का अजब फतवा, मर्दों-औरतों का साथ खड़े होकर भोजन करना गैर इस्‍लामी http://www.shauryatimes.com/news/23469 Thu, 20 Dec 2018 06:36:47 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=23469 इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद एक बार फिर अपने फतवे को लेकर चर्चा में हैं. इस बार दारूल उलूम देवबंद ने फतवा जारी करके किसी भी कार्यक्रम या समारोह में सामूहिक रूप से मर्दों और औरतों के एक साथ खड़े होकर भोजन करने को इस्लाम के खिलाफ बताया है. इसके अलावा एक अन्‍य फतवे में मोबाइल फोन पर बिना इजाजत एक-दूसरे की कॉल रिकॉर्ड किए जाने को गुनाह करार दिया गया है. दारूल उलूम देवबंद ने बिना इजाजत किसी भी व्यक्ति की कॉल रिकॉर्ड करने को गुनाह और अमानत में खयानत बताया है.

संस्था के फतवा विभाग से किसी व्यक्ति ने मुफ्ती-ए-कराम से पूछा था कि मोबाइल पर आवाजों को रिकॉर्ड करना आम बात है और कई मोबाइल सेट में तो ऑटो कॉल रिकॉर्डिंग की व्यवस्था होती है. बात करने वाले को भी इस बात की जानकारी नहीं होती कि उसकी आवाज रिकॉर्ड की जा रही है.

दारूल उलूम के फतवा विभाग की खंडपीठ के मुफ्ती-ए-कराम ने इस सवाल के जवाब में कहा है कि इस्लाम धर्म में आपसी बातचीत बात करने वालों की अमानत होती है और इस बातचीत की रिकार्डिंग को किसी अन्य को सुनाना तथा उसका मजाक बनाना अमानत में खयानत होती है. उन्होंने कहा कि इसलिए बिना इजाजत कॉल को रिकार्ड करना उचित नहीं है.

एक अन्य फतवे में दारूल उलूम देवबंद ने किसी भी कार्यक्रम में सामूहिक रूप से मर्दों और औरतों के एक साथ खड़े होकर खाने को इस्लाम के खिलाफ बताया है. देवबंद के ही एक शख्स ने इफता विभाग से किसी भी कार्यक्रम में खाने पीने की सामूहिक व्यवस्था तथा मर्दों एवं औरतों के एक साथ खडे़ होकर खाना खाने को लेकर सवाल किए थे.

इसके जवाब में मुफ्तियों की खंडपीठ ने सामूहिक तौर पर कहा है कि सामूहिक रूप से मर्दों और औरतों का एक साथ किसी भी कार्यक्रम में शामिल होकर खाना खाना न केवल नाजायज है, बल्कि गुनाह भी है. खंडपीठ ने मुसलमानों को इस तरह की चीजों से बचने की नसीहत दी है. खंडपीठ कहना था कि यह इस्लामी तहजीब नहीं, बल्कि गैरों की तहजीब है.

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