मशहूर पेंटर एस्तेबन मुरिलो को गूगल ने किया याद – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 29 Nov 2018 05:35:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 मशहूर पेंटर एस्तेबन मुरिलो को गूगल ने किया याद, 400वें बर्थडे पर बनाया खास डूडल http://www.shauryatimes.com/news/20499 Thu, 29 Nov 2018 05:35:57 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=20499  दुनिया के मशहूर पेंटर बारतोलोमिओ एस्तेबन मुरिलो का 400वां जन्मदिन है. इस मौके पर GOOGLE ने खास DOODLE बनाकर मुरिलो को याद किया है. इस डूडल में मुरिलो की प्रतिष्ठित पेंटिंग्स में से एक ‘टू विमेन एट अ विंडो’ को दिखाया गया है, जिसे उन्होंने लगभग साल 1655-60 में बनाया था. अभी यह तस्वीर अमेरिका स्थित वाशिंगटन में नेशनल गैलरी ऑफ आर्ट के संग्रह में है. कहा जाता है कि मुरिलो खुद कभी स्पेन से बाहर नहीं गए. साल 1682 में उनका निधन हो गया.

Google के डूडल में इस्तेमाल की गई मुरिलो की तस्वीर- टू विमेन एट अ विंडो, उनकी कला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है. इसमें दो महिलाएं हैं, जिसमें एक नौजवान है, तो दूसरी वृद्ध है. वृद्ध महिला ने खिड़की के बाहर का दृश्य देखते हुए हंस रही है, लेकिन मुंह कपड़े से ढक रखा है. नौजवान महिला भी खिड़की के बाहर का दृश्य देख रही है और वह बाहर के माहौल में शामिल होना चाहती है. उसके चेहरे चमक भी है.

बारतोलोमिओ एस्तेबन मुरिलो का जन्म नंवबर माह में साल 1617 में सविल में हुआ था. उन्होंने अपने अंकल के साथ आर्ट सीखने की शुरुआत की. बताया जाता है कि शुरुआती दिनों में मुरिलो अपनी बनाई तस्वीरें स्थानीय मेलों में बेचा करते थे. इसके बाद मुरिलो ने अन्य कलाकारों के मातहत अप्रेंटिस की.

मुरिलो की शुरुआती पेंटिंग्स काफी रियलिस्टिक स्टाइल और मुख्य रूप से धार्मिक विषयों पर होती थीं. मुरिलो को पहली बड़ी सफलता साल 1645 में मिली. मुरिलो स्पेन के एक प्रांत एंडालुसियन के हर रोज के जीवन की तस्वीरें बनाते थे, जिनकी प्रशंसा होती थी. मुरिलो की तस्वीरों का बाजार बहुत बड़ा था और एक समय तो ऐसा आया, जब राजा ने उनकी कृतियों के निर्यात पर रोक लगा दी थी. 

उनकी एक पेंटिंग ऐसी थी, जिसने पूरे यूरोप में ईश्वरी सत्ता, पवित्रता, मानव मूल्यों और प्यार के बीच बहस छेड़ दी थी, जिस पेंटिंग में एक बुर्जुग व्यक्ति को एक स्त्री के साथ स्तनपान करता हुआ दिखाया गया था. इसके बाद से पूरी दुनिया में उन्हें जाना जाने लगा. 

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