महिलाओं के खिलाफ अत्याचार चिंताजनक और शर्मनाक; वेंकैया नायडू – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 10 Dec 2019 06:18:22 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 महिलाओं के खिलाफ अत्याचार चिंताजनक और शर्मनाक; वेंकैया नायडू http://www.shauryatimes.com/news/68742 Tue, 10 Dec 2019 06:18:22 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=68742 उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हालिया अत्याचारों को ‘चिंताजनक और शर्मनाक बताते हुए सोमवार को कहा कि समस्या से निपटने के लिए सिर्फ विधेयक ले आना काफी नहीं है, सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लड़कियां जब बाहर जाती हैं तो आमतौर पर उन्हें सतर्क रहने और सूरज ढलने से पहले वापस आने के लिए कहा जाता है, लेकिन वक्त आ गया है कि हम अपने लड़कों को चेताएं।

फिक्की की ओर से यहां आयोजित एक सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल में सामाजिक भेदभाव या लैंगिक भेदभाव या लड़कियों के खिलाफ अत्याचारों की घटनाएं सच में चिंताजनक हैं। हमें मामले को प्रभावी तरीके से निपटना होगा, कानून लाना काफी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं अक्सर कहता हूं कि हमारे देश में, हमारी व्यवस्था में एक कमजोरी है कि जब भी कुछ होता है तो लोग कहते हैं विधेयक लाओ।’

बता दें कि महिलाओं के खिलाफ दिन-प्रतिदिन दुष्कर्म की घटनाएं देखने को मिली रही है। हाल ही में हैदराबाद में एक महिला के साथ दुष्कर्म कर जिंदा जलाने की घटना सामने आई थी। इसके बाद हैदराबाद पुलिस ने चारों आरोपितों को एनकाउंटर में मार दिया था।

नायडू ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति और प्रशासनिक कौशल की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जो हो रहा है वो शर्मनाक है। वक्त की जरूरत मूल्य आधारित शिक्षा देने की है और जरूरत धैर्य, ईमानदारी, सम्मान, सहिष्णुता और सहानुभूति जैसे मूल्यों को मन में बैठाए जाने की है। नायडू ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्राथमिक स्तर पर शिक्षा मुख्य रूप से मातृभाषा में दी जानी चाहिए क्योंकि छात्रों के लिए मातृभाषा में समझाना आसान होता है। अंग्रेजी सीखने में कुछ गलत नहीं है। यह भी एक जरूरत है। लेकिन बुनियाद मातृभाषा में रखी जानी चाहिए। हमें अपनी नीति पर फिर से गौर करना चाहिए।

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