मोदी सरकार को एक और झटका – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 11 Dec 2019 06:48:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 मोदी सरकार को एक और झटका, अब ADB ने GDP ग्रोथ अनुमान में की भारी कटौती http://www.shauryatimes.com/news/68999 Wed, 11 Dec 2019 06:48:00 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=68999 एशियाई विकास बैंक (ADB) ने इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर अनुमान में भारी कटौती की है. ADB ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में बढ़त 5.1 फीसदी ही हो सकती है. इसके पहले एडीबी ने जीडीपी बढ़त 6.5 फीसदी रहने का सितंबर महीने में अनुमान जारी किया था.

क्या कहा एडीबी ने

एडीबी ने कहा कि नौकरियों के सृजन की सुस्त रफ्तार और खराब फसल की वजह से ग्रामीण इलाकों की हालत खराब होने की वजह से उसे अपने अनुमान में कटौती करनी पड़ी है. IL&FS मामले की ओर संकेत करते हुए एडीबी ने यह भी कहा कि साल 2018 में एक बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के बर्बाद होने से वित्तीय क्षेत्र में जोखिम बढ़ा है और कर्ज संकट खड़ा हुआ है.

एडीबी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का ग्रोथ रेट सुस्त होकर 5.2 फीसदी रह सकता है. एक बड़े गैर बैकिंग वित्तीय कंपनी में संकट की वजह से वित्तीय सेक्टर में जोखिम बढ़ा है और कर्ज संकट खड़ा हुआ है. इसके अलावा नौकरियों के सृजन की रफ्तार सुस्त पड़ने और खराब फसल की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में संकट बढ़ने से खपत प्रभावित हुआ है.’ 

क्या अगले साल सुधरेंगे हालात

एडीबी ने कहा कि सरकार ने यदि सही नीतियां अपनाईं तो अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़कर 6.5 फीसदी तक पहुंच सकता है.

गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है. यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्‍तर पर थी.

जीडीपी के ये आंकड़े केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. दरअसल, सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल में 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्‍य पर काम कर रही है. एक्‍सपर्ट का मानना है कि इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए जीडीपी ग्रोथ की दर 8 फीसदी से अधिक होना जरूरी है.

कई एजेंसियां कर चुकी हैं अनुमान में कटौती

इसके पहले इस महीने की शुरुआत में ही क्रिसिल (Crisil) रेटिंग ने वित्त वर्ष 2020 के लिए भारत के जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 6.3 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया था. क्रिसिल ने इसके लिए निजी उपभोग में कमजोर वृद्धि, कर संग्रह में कमजोर वृद्धि और औद्योगिक उत्पादन के अलावा अन्य कारक को जिम्मेदार ठहराया था.

इसके बाद 5 दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश की जीडीपी बढ़त के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया.

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