यहाँ जानिए व्रत कथा – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 26 Feb 2021 12:30:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 27 फरवरी को है माघ पूर्णिमा, यहाँ जानिए व्रत कथा http://www.shauryatimes.com/news/103767 Sat, 27 Feb 2021 04:24:57 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=103767 आप सभी जानते ही होंगे हर साल 12 पूर्णिमा तिथियां आती हैं, जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है। ऐसे में सबसे ख़ास माना जाता है माघ महीने की पूर्णिमा को। इस पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता हैं और माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस बार माघ पूर्णिमा 27 फरवरी को है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं माघ पूर्णिमा व्रत कथा।

माघ पूर्णिमा व्रत कथा- एक पौराणिक कथा के अनुसार, कांतिका नगर में धनेश्वर नाम का ब्राह्मण निवास करता था। वह अपना जीवन निर्वाह दान पर करता था। ब्राह्मण और उसकी पत्नी के कोई संतान नहीं थी। एक दिन उसकी पत्नी नगर में भिक्षा मांगने गई, लेकिन सभी ने उसे बांझ कहकर भिक्षा देने से इनकार कर दिया। तब किसी ने उससे 16 दिन तक मां काली की पूजा करने को कहा, उसके कहे अनुसार ब्राह्मण दंपत्ति ने ऐसा ही किया। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर 16 दिन बाद मां काली प्रकट हुई। मां काली ने ब्राह्मण की पत्नी को गर्भवती होने का वरदान दिया और कहा, कि अपने सामर्थ्य के अनुसार प्रत्येक पूर्णिमा को तुम दीपक जलाओ। इस तरह हर पूर्णिमा के दिन तक दीपक बढ़ाती जाना जब तक कम से कम 32 दीपक न हो जाएं।

ब्राह्मण ने अपनी पत्नी को पूजा के लिए पेड़ से आम का कच्चा फल तोड़कर दिया। उसकी पत्नी ने पूजा की और फलस्वरूप वह गर्भवती हो गई। प्रत्येक पूर्णिमा को वह मां काली के कहे अनुसार दीपक जलाती रही। मां काली की कृपा से उनके घर एक पुत्र ने जन्म लिया, जिसका नाम देवदास रखा। देवदास जब बड़ा हुआ तो उसे अपने मामा के साथ पढ़ने के लिए काशी भेजा गया। काशी में उन दोनों के साथ एक दुर्घटना घटी जिसके कारण धोखे से देवदास का विवाह हो गया। देवदास ने कहा कि वह अल्पायु है परंतु फिर भी जबरन उसका विवाह करवा दिया गया। कुछ समय बाद काल उसके प्राण लेने आया लेकिन ब्राह्मण दंपत्ति ने पूर्णिमा का व्रत रखा था, इसलिए काल उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाया। तभी से कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन व्रत करने से संकट से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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27 फरवरी को है माघ पूर्णिमा, यहाँ जानिए व्रत कथा http://www.shauryatimes.com/news/103704 Fri, 26 Feb 2021 06:46:50 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=103704 आप सभी जानते ही होंगे हर साल 12 पूर्णिमा तिथियां आती हैं, जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है। ऐसे में सबसे ख़ास माना जाता है माघ महीने की पूर्णिमा को। इस पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता हैं और माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस बार माघ पूर्णिमा 27 फरवरी को है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं माघ पूर्णिमा व्रत कथा।

माघ पूर्णिमा व्रत कथा- एक पौराणिक कथा के अनुसार, कांतिका नगर में धनेश्वर नाम का ब्राह्मण निवास करता था। वह अपना जीवन निर्वाह दान पर करता था। ब्राह्मण और उसकी पत्नी के कोई संतान नहीं थी। एक दिन उसकी पत्नी नगर में भिक्षा मांगने गई, लेकिन सभी ने उसे बांझ कहकर भिक्षा देने से इनकार कर दिया। तब किसी ने उससे 16 दिन तक मां काली की पूजा करने को कहा, उसके कहे अनुसार ब्राह्मण दंपत्ति ने ऐसा ही किया। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर 16 दिन बाद मां काली प्रकट हुई। मां काली ने ब्राह्मण की पत्नी को गर्भवती होने का वरदान दिया और कहा, कि अपने सामर्थ्य के अनुसार प्रत्येक पूर्णिमा को तुम दीपक जलाओ। इस तरह हर पूर्णिमा के दिन तक दीपक बढ़ाती जाना जब तक कम से कम 32 दीपक न हो जाएं।

ब्राह्मण ने अपनी पत्नी को पूजा के लिए पेड़ से आम का कच्चा फल तोड़कर दिया। उसकी पत्नी ने पूजा की और फलस्वरूप वह गर्भवती हो गई। प्रत्येक पूर्णिमा को वह मां काली के कहे अनुसार दीपक जलाती रही। मां काली की कृपा से उनके घर एक पुत्र ने जन्म लिया, जिसका नाम देवदास रखा। देवदास जब बड़ा हुआ तो उसे अपने मामा के साथ पढ़ने के लिए काशी भेजा गया। काशी में उन दोनों के साथ एक दुर्घटना घटी जिसके कारण धोखे से देवदास का विवाह हो गया। देवदास ने कहा कि वह अल्पायु है परंतु फिर भी जबरन उसका विवाह करवा दिया गया। कुछ समय बाद काल उसके प्राण लेने आया लेकिन ब्राह्मण दंपत्ति ने पूर्णिमा का व्रत रखा था, इसलिए काल उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाया। तभी से कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन व्रत करने से संकट से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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