ये हैं वीणावादिनी मां सरस्वती के चमत्कारिक मंत्र – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 07 Feb 2019 05:44:18 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 ये हैं वीणावादिनी मां सरस्वती के चमत्कारिक मंत्र, देंगे ज्ञान, होगी विद्या की प्राप्ति… http://www.shauryatimes.com/news/31008 Thu, 07 Feb 2019 05:44:18 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=31008
संपूर्ण भारत में वसंत पंचमी का उत्सव ज्ञान की देवी ‘मां सरस्वती’ के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दृष्टि से वसंत का मौसम शिक्षकों के लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि इस दिन शुभ्रवसना, वीणावादिनी, मंद-मंद मुस्कुराती हंस पर विराजमान मां सरस्वती मानव जीवन में अज्ञान रूप जड़ता को दूर कर ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करती हैं।
वसंत पंचमी के दिन शिव पूजन का भी विशेष महत्व है। इस दिन भगवान भोले की पार्थिव प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर दूध, दही, घी, शकर, शहद, पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है।

आइए पढ़ें मां सरस्वती के चमत्कारिक मंत्र : –

* सरस्वती-गायत्री मंत्र :
ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।
सरस्वती का बीज मंत्र ‘क्लीं’ है जिसे शास्त्रों में ‘क्लीं कारी कामरूपिण्यै’ यानी ‘क्लीं’ काम रूप में पूजनीय है इसलिए वाणी मनुष्य की समस्त कामनाओं की पूर्ति करने वाली हो जाती है।
उपरोक्त मंत्रों का प्रथम दिन 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं तथा साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है। नित्य कर्म करने पर साधक ज्ञान-विद्या प्राप्त करने के क्षेत्र में निरंतर बढ़ता जाता है।
मां सरस्वती के चमत्कारिक मंत्र :
* एकादशाक्षर सरस्वती मंत्र :
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:।
ऐं हीं श्रीं वाग्वादनी सरस्वती देवी मम जिव्हायां।
सर्व विद्यां देही दापय-दापय स्वाह।
सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।
वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।
वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।
मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणी विनायकौ।।
– अर्थात अक्षर, शब्द, अर्थ और छंद का ज्ञान देने वाली भगवती सरस्वती तथा मंगलकर्ता विनायक की मैं वंदना करता हूं। -श्रीरामचरितमानस
इसके अलावा विद्यार्थियों को ध्यान करने के लिए त्राटक अवश्य करना चाहिए। 10 मिनट रोज त्राटक करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा साधक को एक बार पढ़ने पर कंठस्थ हो जाता है।
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