राजधानी में 20वां अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह ‘भारत रंग महोत्सव’ 1 फरवरी से शुरू होगा – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 31 Jan 2019 05:25:36 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 राजधानी में 20वां अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह ‘भारत रंग महोत्सव’ 1 फरवरी से शुरू होगा http://www.shauryatimes.com/news/30035 Thu, 31 Jan 2019 05:25:36 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=30035  राष्ट्रीय राजधानी में 20वां अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह ‘भारत रंग महोत्सव’ 1 फरवरी से शुरू होगा, जो 21 फरवरी तक चलेगा. महोत्सव के दौरान विभिन्न रंग टोलियों के 111 शो व अन्य संबद्ध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जैसे- ‘डायरेक्टर से मुलाकात’, ‘लिविंग लेजेंड’ और मास्टर क्लास. एशिया के इस सबसे बड़े थिएटर फेस्टिवल का आयोजन मंडी हाउस स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) करता है. उद्घाटन समारोह 1 फरवरी को शाम 6 बजे कमानी ऑडिटोरियम में होगा. इसके बाद आमोद भट्ट द्वारा निर्देशित ‘करंत के रंग’ प्रस्तुत की जाएगी. 50 मिनट की यह प्रस्तुति कन्नड़ और हिंदी थिएटर के पुरोधा बी.वी. करंत के लिखे गीतों का सम्मिश्रण होगी.

देश महात्मा गांधी की 150वां जयंती वर्ष मना रहा है, इसलिए राष्ट्रपिता के जीवन, उनकी धारणा और सिद्धांतों पर आधारित चार नाटकों की प्रस्तुति दी जाएगी. फेस्टिवल के दौरान 69 भारतीय और 15 विदेशी नाटकों का मंचन पूरे भारत में किया जाएगा, जिन्हें स्क्रीनिंग के बाद चुना गया है. इसके अलावा 9 लोक प्रोडक्शन, एनएसडी डिप्लोमा के छात्रों द्वारा 5 नाटक, एनएसडी के सिक्किम केंद्र द्वारा एक प्रोडक्शन, एनएसडी के कोश से तीन नाटक और जाने-माने थिएटर प्रैक्टिशनरों के 5 आमंत्रित नाटकों की प्रस्तुति की तैयारी है.

महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी में 89 नाटक आयोजित होंगे. हिंदी में 25 नाटक, बांग्ला में 16, कन्नड़ में 5, ओड़िया में 2, गुजराती में 2, मणिपुरी में 2, अंग्रेजी में 3, असमिया में 2, मलयालम में 2 और मैथिली, तेलुगू, नेपाली व संस्कृत में 1-1 नाटक होगा, 15 विदेशी नाटकों के अलावा यह फेस्टिवल शहर के थिएटर प्रेमियों के लिए 8 लोक प्रस्तुतियां भी लेकर आ रहा है.

21 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में इस साल हिंदी, अंग्रेजी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया है. अंतर्राष्ट्रीय प्रोडक्शन जैसे बांग्लादेश, पोलैंड, रूस, श्रीलंका, चेक रिपब्लिक, इटली, नेपाल, रोमानिया और सिंगापुर के नाटकों के साथ-साथ अमौखिक, लोक और बहुभाषी नाटकों की प्रस्तुतियां लोगों का मन मोह लेंगी. PressConference

नई दिल्ली में ये प्रस्तुतियां बहुमुख और चहुंमुख में (शाम 7:30), ओपेन लॉन (शाम 6:00 बजे) और अभिमंच (शाम 8 : 30 बजे) एनएसडी के बहावलपुर हाउस कैम्पस और राम सेंटर के आस-पास (शाम 4:00 बजे), एलटीजी (शाम 5:30 बजे) और कमानी ऑडिटोरियम में (शाम 7:00 बजे) आयोजित होंगी.

मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियों व विश्व थिएटर के नाटक कलाकारों व जानी-मानी हस्तियों के साथ मुलाकात के अलावा दिल्ली में थिएटर के संबंध में 2 अंतर्राष्ट्रीय और 2 राष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे  . दिल्ली में जिस सेमिनार का आयोजन होगा, उसका विषय है ‘इज मॉडर्न थिएटर इन्क्लूसिव?’ और ‘नेशन ऑफ स्टेट एंड रिप्रजेंटेशन’, ‘अनरिप्रजेंटेड फॉर्म’, और ‘नॉन गवर्नमेंटल क्युरेटिंग व फंडिंग पॉलिसी’ पर आधारित सत्रों का आयोजन भी होगा.

इसके साथ ही, महोत्सव के दौरान एनएसडी कैम्पस स्ट्रीट प्ले, एम्बिएंस शो और थिएटर बाजार से भी गुलजार रहेगा, जहां तमाम तरह के उत्पादों और लजीज व्यंजनों की भरमार होगी. यूथ फोरम शो में दिल्ली के करीब 50 कॉलेजों की ड्रैमेटिक सोसायटियों की प्रस्तुतियां शामिल होंगी, जबकि एम्बिएंस प्रस्तुतियों के तहत लोक नृत्य और अन्य परंपरागत कलाएं पेश की जाएंगी.

लोगों के बीच थिएटर को बढ़ावा देने और चयनित प्रस्तुतियों को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाने के लिए एनएसडी समानांतर महोत्सवों का आयोजन डिब्रूगढ़ में (4 से 10 फरवरी), वाराणसी (7 से 13 फरवरी) , रांची (9 से 15 फरवरी), मैसूर (11 से 17 फरवरी) और राजकोट में (13 से 19 फरवरी) कर रहा है.

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के डायरेक्टर इन-चार्ज सुरेश शर्मा कहते हैं, “कला और थिएटर मानवीय भावनाओं को प्रस्तुत करने का सबसे प्राचीन और सशक्त माध्यम है जो हर प्रकार की लौकिक सीमाओं को खारिज कर देता है  . भारत रंग महोत्सव अपने 20वें सत्र में प्रवेश करने जा रहा है, इस बात को लेकर हमें बेहद खुशी है और हमने पूरा प्रयत्न किया है कि इस साल के सत्र में भी बेहतरीन नाटकों का चयन हो, इसके लिए 960 सबमिशन में से सबसे अच्छी प्रस्तुतियों का चयन किया गया है.”एनएसडी सोसायटी के एक्टिंग चेयरमैन डॉ. अर्जुन देव चरन ने कहा, “थिएटर एक ऐसी कला है, जिसका उत्सव दुनियाभर में मनाया जाता है और मुझे प्रसन्नता है कि इस महोत्सव के जरिए हमें उन नाटकों से रूबरू होने का अवसर मिलेगा, जिन्हें वैश्विक स्तर पर सराहना मिली है.”

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