राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकारिणी की बैठक का शुक्रवार (02 नवंबर) को आखिरी दिन है – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 02 Nov 2018 07:02:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकारिणी की बैठक का शुक्रवार (02 नवंबर) को आखिरी दिन है http://www.shauryatimes.com/news/16938 Fri, 02 Nov 2018 07:02:32 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=16938 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकारिणी की बैठक का शुक्रवार (02 नवंबर) को आखिरी दिन है. बैठक मुंबई के पास भायंदर में केशव श्रुति में शुरू हुई. इस बैठक में आज संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यत्र अमित शाह भी मौजूद हैं. सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस और बीजेपी के बीच बैठक में राम मंदिर को लेकर चर्चा हुई है. अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने को लेकर संघ ने कहा है कि सरकार जमीन अधिग्रहण कर मंदिर का निर्माण करे. बताया जा रहा है कि आज अमित शाह पूरे दिन आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल रहेंगे. 

बुधवार (31 अक्टूबर) से शुरू हुई आरएसएस की तीन दिवसीय दिवाली बैठकपालघर में शुरू हुई. इस बैठक में आरएसएस से जुडे 54 संघटन शामिल हैं. बैठक में देश भर से संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल हैं. इस बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी, सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी, डॉ. कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबले, वी.भागय्या, डॉ.मनमोहन वैद्य प्रमुख रूप से मौजूद हैं.  

संघ प्रचारक डॉ. मनमोहन वैद्य ने बैठक के पहले ही दिन कहा था कि अब सरकार को चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण कर काम शुरू किया जाए और राष्ट्र के गौरव को बहाल करना चाहिए. मनमोहन वैद्य ने कहा राम मंदिर का मामला हिंदू बनाम मुस्लिम या मंदिर बनाम मस्जिद के बारे में नहीं है. अदालत ने पहले ही कह दिया है कि नमाज के लिए मस्जिद अनिवार्य नहीं है. वे खुली जगह पर भी नमाज पढ़ सकते हैं.

उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना कानूनी कार्य नहीं था. राम मंदिर पर अब और चर्चा करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जब बाबर पर विजय प्राप्त किया था तो उनके पास बहुत सारी भूमि थी और कहीं भी मस्जिद बना सकता था. अदालत ने कहा है कि मुस्लिम प्रार्थनाओं के लिए मस्जिद महत्वपूर्ण नहीं है. इस्लामी विद्वानों भी कहते हैं कि जिस जगह को विजय प्राप्त करके मस्जिद निर्माण किया जाता है, वहां प्रार्थना करना सही नहीं है.

गौरतलब है कि राम मंदिर के मुद्दे को लेकर साधु-संतों की तरफ से वीएचपी के साथ मिलकर आंदोलन चलाने का फैसला किया गया है. हाल ही में संच उच्चाधिकार समिति की बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया है, जिसमें सांसदों के घेराव से लेकर हर राज्य में राम मंदिर के पक्ष में माहौल गरमाने की कोशिश की जाएगी. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने भी इस मुद्दे पर साधु-संतों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा, ‘हमने अबतक उनका समर्थऩ किया है और आगे भी वे जो निर्णय करेंगे उसमें हम उनका समर्थन करेंगे.’

दरअसल, अयोध्या मामले में 29 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख तय हुई थी. उस वक्त उम्मीद की जा रही थी कि सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर अगर लगातार सुनवाई हुई तो फिर जल्द ही इस पर कोई फैसला आ सकता है. राम मंदिर पर फैसला आने की सूरत में हर तरह से फायदे में बीजेपी ही रहती. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी मान कर चल रही थी कि अगर फैसला आ गया तो फिर लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर निर्माण को लेकर माहौल बन सकता है, जिसका फायदा उसे होता, लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2019 तक सुनवाई टालकर बीजेपी के साथ-साथ संघ परिवार के मंसूबों पर पानी फेर दिया.

आपको बता दें कि राम मंदिर के मुद्दे को लेकर संघ की तरफ से उसी वक्त से माहौल बनाना शुरू हो गया है, जब संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने विजयादशमी के भाषण में नागपुर से ही राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने की मांग कर दी थी. अब उसी लाइन को आगे बढ़ाते हुए संघ की तरफ से राम मंदिर मुद्दे को गरमाने की तैयारी हो रही है.

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