रोजगार सृजन में भी आई तेजी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 06 Aug 2019 07:38:02 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 नए कारोबारी ऑर्डर बढ़ने से पटरी पर लौटा सर्विस सेक्टर, रोजगार सृजन में भी आई तेजी http://www.shauryatimes.com/news/51569 Tue, 06 Aug 2019 07:38:02 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=51569 नए कारोबारी ऑर्डर बढ़ने से जुलाई में घरेलू सर्विस सेक्टर का बिजनेस पटरी पर लौट आया है। इसके कारण रोजगार सृजन में भी तेजी आई। एक मासिक सर्वे रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है। पिछले माह नए कारोबारी ऑर्डर अक्टूबर, 2016 के बाद सबसे तेज गति से बढ़े। नतीजतन आइएचएस मार्किट इंडिया का सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक बढ़कर 53.8 पर पहुंच गया, जो जून में 49.6 पर था। यह उत्पादन में एक वर्ष में सबसे तेज वृद्घि का संकेत देता है। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विस्तार का संकेतक है, जबकि 50 से नीचे का सूचकांक बताता है कि कारोबार में सिकुड़न आ रही है।

आइएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलिएना डि लीमा ने कहा कि पीएमआइ के आंकड़े नए कामकाजी ठेकों में वृद्घि की ओर इशारा कर रहे हैं। ये कारोबारी गतिविधियों में मजबूत सुधार का संकेत देते हैं। सर्वेक्षण प्रतिभागियों ने कारोबारी गतिविधियों में तेजी को बजट, मजबूत मांग और नए ग्राहकों से जुड़ा बताया है।

लीमा का कहना था कि सेवा क्षेत्र को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र, दोनों से नए कारोबारी ऑर्डर मिले हैं। निर्यात से जुड़े नए कामकाज में जुलाई में लगातार पांचवें महीने के दौरान तेजी आई है। इस बीच, आइएचएस मार्किट इंडिया कंपोजिट पीएमआइ आउटपुट सूचकांक जुलाई में 53.9 पर पहुंच गया। यह आठ महीने का उच्च स्तर है। जून में यह 50.8 पर था। यह दर्शाता है कि पिछले नवंबर के बाद से नए कारोबारी ऑर्डर की संख्या बढ़ी है।

रोजगार के मौके बढ़े

मांग से जुड़ी परिस्थितियों में मजबूती और आर्थिक परिदृश्य में तेजी के अनुमानों से पिछले महीने में रोजगार सृजन में वृद्घि दर्ज की गई। यह वर्ष 2011 की शुरुआत के बाद से सबसे मजबूत वृद्घि है। सर्वे रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जुलाई में सेवा अर्थव्यवस्था को लेकर कारोबारी उम्मीद बढ़ी है। कंपनियों को लगता है कि विज्ञापन के प्रयास और बाजार की परिस्थितियों को मजबूत कर आने वाले 12 महीनों में वृद्धि हासिल की जा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) रेपो रेट में और कमी कर सकता है। जून की समीक्षा में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.25 फीसद की कमी की थी।

]]>