वर्ल्ड लायन डे: ‘जंगल का राजा’ सिर्फ पुस्तकों और चित्रों में सिमट कर रह गया … – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 10 Aug 2019 05:53:49 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 वर्ल्ड लायन डे: ‘जंगल का राजा’ सिर्फ पुस्तकों और चित्रों में सिमट कर रह गया … http://www.shauryatimes.com/news/52038 Sat, 10 Aug 2019 05:53:49 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=52038 एक दौर था जब बच्चों को शेर के नाम पर डराया जाता था। गांव-देहात के लोग भी सूरज ढलने के बाद घरों से निकलना पसंद नहीं करते थे, लेकिन वक़्त के साथ अब शेर भी लुप्तप्राय होते जा रहे हैं। जैसे-जैसे शहरी क्षेत्रों में कंक्रीट के जंगल बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे जंगली जानवरों की तादाद घटते जा रही है। कुछ बड़े जानवर तो अब केवल पुस्तकों में ही नज़र आते हैं। आज विश्व शेर दिवस है, इसलिए आइए जाने हैं कुछ जंगल के राजा के बारे में। 

मानव संस्कृति में सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त पशु प्रतीकों में से एक, शेर को बड़े पैमाने पर प्रतिमाओं और चित्रों में, राष्ट्रीय ध्वज, फिल्मों और साहित्य में काफी दिखाया गया है। 18 वीं शताब्दी के बाद से विश्व भर के प्राणी उद्यानों में प्रदर्शनी के लिए मांगी जाने वाली एक मुख्य प्रजाति शेर ही थी। पाषाण काल ​​में भी शेरों के सांस्कृतिक चित्रण मुख्य थे।

फ्रांस में लासकौक्स और चौवेट गुफाओं में 17,000 साल पहले नक्काशी और पेंटिंग की गई है, इनमें जो चित्रण किए गए वो तक़रीबन सभी प्राचीन और मध्ययुगीन संस्कृतियों से संबंधित हैं। ये चीजें शेर की पूर्व और वर्तमान श्रेणियों के साथ मेल खाती हैं।  इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे।

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