विस्फोटकों का लगाएगी पता – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 20 Jun 2019 05:55:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 वैज्ञानिकों ने बनाई कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल डिवाइस, विस्फोटकों का लगाएगी पता http://www.shauryatimes.com/news/45986 Thu, 20 Jun 2019 05:55:32 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=45986 वैज्ञानिकों ने एक कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल सेंसर विकसित किया है जो डीएनटी और टीएनटी जैसे विस्फोटक का आसानी से पता लगा सकता है और इसका उपयोग आतंकवाद को खत्म करने और सार्वजनिक स्थानों की निगरानी के लिए किया जा सकता है।

डीएनटी, टीएनटी जैसे नाइट्रोएरोमैटिक

विस्फोटक नागरिकों और सैन्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। इन रसायनों को पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले जहरीले दूषित पदार्थों के रूप में भी जाना जाता है। साइंटिफिक रिपोट्र्स जर्नल में बताया गया है कि यह उपकरण छोटा और हल्का है। इसे कहीं भी आसानी से ले जाया सकता है। साथ ही यह पर्यावरण निगरानी का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

आतंकी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है और भारी जन-धन की हानि भी होती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम ने ऐसे विस्फोटकों का पता लगाने के लिए नया सेंसर विकसित किया है। इस टीम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च

(आइआइएसईआर) कोलकाता से बिनॉय मैती और प्रियदर्शी डी शामिल थे। इन्होंने मिलककर फ्लोरेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी पर आधारित तकनीक का उपयोग करके इस सेंसर को विकसित किया। जब भी कोई विस्फोटक इस नए सेंसर के संपर्क में आता है तो इसके पॉलीमर का रंग बदलने लगता है जिसे आसानी से देखा जा सकता है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की के असिस्टेंट प्रोफेसर सौमित्र सतपथी ने कहा कि यह पॉलीमर यौगिकों के विस्फोटक वर्ग का पता लगा सकता है, जिसे नाइट्रोएरोमैटिक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह सेंसर रक्षा और फोरेंसिक विभाग के लिए सहायक सिद्ध हो सकता है। सतपथी ने कहा कि आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों की निगरानी करने के साथ ही यह सेंसर जल में घुले नाइट्रोएरोमैटिक का भी आसानी से पता कर लेता है।

प्रोफेसर सतपथी ने कहा कि इस उपकरण की लागत मास स्पेक्ट्रोफोटोमीटर जैसे पारंपरिक उपकरणों की तुलना में बहुत कम होगी। शोधकर्ताओं के अनुसार इस सेंसर का सार्वजनिक स्थानों जैसे हवाई अड्डों, ट्रेन स्टेशनों, शॉपिंग मॉल आदि में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही इसे आधिकारिक रूप से भी मान्यता मिलेगी और आतंकवादरोधी गतिविधियों में इसका उपयोग किया जाएगा। शोधकर्ताओं की टीम अब नाइट्रो-एस्टर (नाइट्रोग्लिसरीन, पीईटीएन) और नाइट्रो-एमाइन (एचएमएक्स) जैसे अन्य विस्फोटकों का पता लगाने के लिए एक तकनीक पर काम कर रही है।

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