वैज्ञानिकों ने जीनोम को किया डिकोड – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 12 Jan 2020 07:04:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 दुनिया के इस घातक सांप के काटने का इलाज होगा आसान, वैज्ञानिकों ने जीनोम को किया डिकोड http://www.shauryatimes.com/news/73681 Sun, 12 Jan 2020 07:04:06 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=73681 पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह जानकारी दी थी कि उन्होंने इंडियन कोबरा के जीनोम को डीकोड कर लिया है। इस प्रक्रिया में उन जीन की पहचान की जाती है जो इसके विष को परिभाषित करते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके माध्यम से वह अधिक प्रभावी एंटीवेनम दवाएं बनाई जा सकेंगी।

जीनोम के डिकोड होने से मिलेगी मदद

भारतीय कोबरा के जीनोम में शोधकर्ताओं ने 19 प्रमुख विष जीनों की पहचान की है जो केवल सांप काटने के उपचार में मायने रखते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस जानकारी के माध्यम से सिंथेटिक ह्यूमन एंटीबॉडी का प्रयोग कर बेहतर एंटीवेनम बनाए जा सकते हैं।

क्या होता है जीनोम

जीनोम किसी भी जीव के डीएनए में मौजूद सभी जीन का एक पूर्ण सेट होता है। प्रत्येक जीनोम में जीव के बारे में संपूर्ण जानकारी होती है। जीनोम को डिकोड करके जीव की विशेषता के बारे में भी पता लगाया जा सकता है। मानव जीनोम में अनुमानत: 30,000 से 35,000 जीन होते हैं।

कैसे हैं मौजूदा एंटीवेनम

वेनम यानी कि जहर 140 ऑड प्रोटीन या पेप्टाइड्स का एक जटिल मित्र है। इनमें से केवल कुछ घटक विषाक्त पदार्थ होते हैं जिनके लक्षण सांप के काटने के बाद दिखाई देते हैं। वर्तमान में मौजूदा एंटीवेनम इन विषों पर विशेष रूप से टार्गेट नहीं कर पाता है। एंटीवेनम का उत्पादन आज के दौर में भी एक शताब्दी पुरानी प्रक्रिया द्वारा किया जा रहा है।

ऐसे बनाया जाता है एंटीवेनम

विष की एक छोटी मात्र को घोड़ा या फिर भेड़ को दिया जाता है , इसके बाद इन जानवरों का प्रतिरक्षा तंत्र विष से शरीर की रक्षा के लिए एंटीबाडी का उत्पादन करता है। इसी एंटीबॉडी को एकत्र करके एंटीवेनम के रूप में विकसित किया जाता है। यह प्रक्रिया बहुत जटिल होती है और इससे तैयार एंटीवेनम पूरी तरह प्रभावी भी नहीं हो पाता है। बता दें कि इस शोध को 42 शोधकर्ताओं ने अंजाम दिया है। इसमें एक भारतीय शोधकर्ता भी शामिल हैं।

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