वैज्ञानिकों ने बनाया एक ऐसा जनरेटर जो बारिश की एक बूंद से रोशन करेगा सौ एलईडी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 08 Feb 2020 06:28:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 वैज्ञानिकों ने बनाया एक ऐसा जनरेटर जो बारिश की एक बूंद से रोशन करेगा सौ एलईडी http://www.shauryatimes.com/news/77397 Sat, 08 Feb 2020 06:28:33 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=77397

एक तरफ विश्व ऊर्जा के संकट से जूझ रहा है। भारत सहित दुनिया के तमाम देश अक्षय ऊर्जा की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह विद्युत संयंत्र राहत देने वाला यंत्र साबित हो सकता है। डेलीमेल ऑनलाइन के अनुसार हांगकांग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा जनरेटर बनाया है जो बारिश की एक बूंद से सौ छोटे एलईडी बल्ब को रोशन कर सकता है। उच्च क्षमता वाला यह जनरेटर विद्युत ऊर्जा के उत्पादन की दिशा में एक कारगर कदम साबित हो सकता है।

यह है खासियत

यह जनरेटर एक बार में अपने प्रतिरूप की तुलना में कई गुना ऊर्जा उत्पादित कर सकता है। हांगकांग विश्वविद्यालय के इंजीनियर व प्रोफेसर जुआनकाई वैंग के मुताबिक, इस संयंत्र के जरिए 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई से पानी की सौ माइक्रोलीटर की एक बूंद से 140 वोल्ट ऊर्जा उत्पादित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादक बांध और ऊंची जल तरंग स्टेशन के जरिए जल ऊर्जा पहले भी उत्पादित की जाती रही है लेकिन तकनीक की असफलता के चलते जल का पूर्ण उपयोग नहीं हो पा रहा था।

यह है प्रक्रिया

प्रोफेसर ने बताया कि बूंदें कम आवृत्ति की गतिज ऊर्जा से आती है। जिसका परिवर्ती ऊर्जा के तौर पर बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। परंपरागत संयंत्र में ट्राइबोइलेक्ट्रिक प्रभाव (जब कोई दो पदार्थ एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं तो घर्षण से इलेक्ट्रॉन का लेन-देन होता है।) के जरिए ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। आमतौर पर ईंधन के जरिए इलेक्ट्रोड कम ऊर्जा उत्पन्न कर पाता है लेकिन इस तकनीकके जरिए ऊर्जा का अधिक उत्पादन किया जा सकता है।

बाकी संयंत्रों से अलग

इस संयंत्र में पॉलीटेट्राफ्लूरोएथिलीन (पीटीएफई) इलेक्ट्रोड का उपयोग किया जाता है जो अधिक स्थायी होता है। जब पानी की बूंद इस पर गिरेगी तब तृप्त होने तक विद्युत उत्पन्न होगी जबकि आम संयंत्र में इसकी क्षमता कम ही होती है।

इसलिए है बेहतर

संयंत्र बारिश की बूंदों के साथ समुद्री जल से भी ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। जैसे घाट, समुद्री किनारा, बोट, पानी की बोतल के अलावा छतरी के बाहरी हिस्से पर एकत्रित पानी के जरिए इस संयंत्र के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है।

संरचना

इस संयंत्र में दो इलेक्ट्रोड होंगे। इसमें एक एल्युमीनियम और दूसरा पॉलीटेट्राफ्लूरोएथिलीन (पीटीएफई) कोटेड इंडियम टिन ऑक्साइड से बना होगा।

 

]]>