शहर के बीच में दस एकड़ में फैला जंगल पढ़ा रहा है पर्यावरण का पाठ – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 13 Jun 2019 06:00:59 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 शहर के बीच में दस एकड़ में फैला जंगल पढ़ा रहा है पर्यावरण का पाठ http://www.shauryatimes.com/news/45162 Thu, 13 Jun 2019 06:00:59 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=45162 पटना शहर के बीचोंबीच दस एकड़ में फैला तरुमित्र जंगल बच्चों का खास दोस्त और शिक्षक बन चुका है। देश-विदेश के पांच हजार से अधिक स्कूल-कॉलेज बतौर सदस्य इससे जुड़े हुए हैं, जिनके हजारों छात्र भी तरुमित्र फोरम के सदस्य हैं। 1986 में पटना में तरुमित्र आश्रम की स्थापना हुई थी, जहां यह

समृद्ध जंगल मौजूद है। 500 से अधिक दुर्लभ प्रजातियों के पेड़-पौधे इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं।

बच्चे यहां खेलखेल में पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हैं। ‘तरुमित्र आश्रम’ के नाम से विख्यात यह जंगल पटना के दीघा-आशियाना मार्ग के एक ओर स्थित है। आश्रम की स्थापना 1986 में की गई थी, जिसका शिलान्यास तत्कालीन राज्यपाल एआर किदवई ने किया था। स्थापना के बाद आश्रम की कमान संभाली फादर रॉबर्ट अर्थिकल ने। उन्होंने धरती (अर्थ) की सुरक्षा के मद्देनजर ही अपने नाम में अर्थिकल शब्द जोड़ा। उनके कमान संभालने के बाद तरुमित्र निरंतर विकास की दिशा में बढ़ते गया।

तरुमित्र आश्रम में छात्रों का फोरम भी है। यहां पर विभिन्न देशों से आए छात्र पर्यावरण संरक्षण का औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। वर्तमान में आश्रम के 5 हजार से अधिक स्कूल-कॉलेज सदस्य हैं। इन स्कूल-कॉलेजों से छात्रों की टीम अकसर आश्रम में आती रहती है। आश्रम में पूरी तरह से जंगल का कानून लागू होता है। यानी प्रकृति के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ की इजाजत किसी को नहीं है। यह जंगल काफी समृद्ध है। सैकड़ों वृक्षों के बीच यहां 500 से अधिक दुर्लभ प्रजातियों के पेड़-पौध भी मौजूद हैं। यहां पर पाटली के भी कई वृक्ष हैं, जिनके बाग होने के कारण पटना का पूर्व में नाम पाटलिपुत्र रखा गया था।

रुद्राक्ष सहित कई अन्य विशेष प्रजातियों के पेड़ भी यहां मौजूद हैं। आश्रम के नियमों के अनुसार किसी भी पेड़ से एक भी टहनी या पत्ती तोड़ने की किसी को इजाजत नहीं है। अगर आंधी के दौरान कोई पेड़ गिर भी जाता है तो उसे उसी तरह छोड़ दिया जाता है। गिरा पेड़ धीरे-धीरे सड़कर मिट्टी में मिल जाता है। लेकिन गिरे पेड़ों को काटा नहीं जाता है। तरुमित्र आश्रम को संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण शाखा से मान्यता प्राप्त है। यहां के प्रतिनिधि प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित होने वाले पर्यावरण सम्मेलन में भाग लेने जाते हैं। यहां के सदस्य कई बार विश्व मंच पर उल्लेखनीय प्रदर्शन कर चुके हैं।

बन गया अभियान

तरुमित्र आश्रम के बच्चे न केवल आश्रम में पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्प लेते हैं, बल्कि पटना में भी संरक्षण के लिए निरंतर अभियान चलाते हैं। तरुमित्र के निदेशक फादर रॉबर्ट का कहना है कि वर्तमान में गंगा की धारा शहर से काफी दूर चली गई है। गंगा की भूमि पर पौधे लगाने की जरूरत है। इससे पटना शहर को एक हरित पट्टी मिल सकती है।

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