सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत का मामला अब सियासी दांव-पेंच में उलझा – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 07 Oct 2018 07:59:13 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत का मामला अब सियासी दांव-पेंच में उलझा http://www.shauryatimes.com/news/13183 Sun, 07 Oct 2018 07:59:13 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=13183 सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत का मामला अब सियासी दांव-पेंच में उलझ गया है. सीपीआई-एम, बीजेपी राज्य इकाई के साथ-साथ पांडलम रॉयल फैमिली समेत कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ निराशा जाहिर की है.सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत का मामला अब सियासी दांव-पेंच में उलझा केरल सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सोमवार को कई पक्षों के साथ बैठक करेगी और बीच का रास्ता तलाशेगी. मुख्यमंत्रीपिनारई विजयन और देवोसोम मंत्री के. सुरेंद्रन केरल सरकार की नुमाइंदगी करेंगे. बैठक में मंदिर का पुजारी परिवार, पांडलम पैलेस और देवोसोम बोर्ड के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे.

केरल सरकार के मुताबिक यह बैठक सभी पक्षों के साथ बातचीत कर बीच का रास्ता तलाशने की एक कोशिश है. बीजेपी, कांग्रेस और कई दक्षिणपंथी संगठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे हैं.

बीजेपी राज्य इकाई ने कहा है कि सरकार मंदिर की परंपरा में विश्वास रखने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं पर विचार नहीं कर रही है.

अभी हाल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले में अदालत की पांच सदस्यीय पीठ में से चार ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था, जबकि पीठ में शामिल एकमात्र महिला जज इंदु मल्होत्रा ने अपनी अलग राय रखी थी. फैसले में हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी बयान आया है. जेटली ने शनिवार को कहा कि अदालतों को सभी धर्म के मान्यताओं को ध्यान में रखकर फैसला सुनाना चाहिए. जेटली ने दिल्ली में आयोजित एचटी लीडरशिप समिट में कहा, अगर आप प्रगतिशील कदम उठाना चाहते हैं तो संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 सभी धर्मों पर लागू होने चाहिए. ऐसा नहीं हो सकता है कि किसी एक धार्मिक प्रक्रिया को सिर्फ उसके सामाजिक दुष्प्रभावों को देखते हुए छूट दे दी जाए.

जेटली ने यह भी कहा कि अगर धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं को भी आर्टिकल 14 के तहत रखा जाता है तो यह पर्सनल लॉ पर भी लागू होना चाहिए.  उधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबरीमाला मंदिर के प्रमुख पुजारी भी नाखुश हैं. प्रमुख पुजारी कंडारारू राजीवारू का कहना है कि सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को इजाजत देने वाला फैसला ‘निराशजनक’ है लेकिन मंदिर बोर्ड इसे स्वीकार करेगा.

त्रावणकोर देवोस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला किया जाएगा. पद्मकुमार ने कहा कि बोर्ड ने अदालत को सूचित किया था कि वे मौजूदा नियम को जारी रखना चाहते हैं लेकिन अब इस फैसले को लागू करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है.

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