सबसे कम है वजन – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 10 Nov 2019 11:16:45 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 हवा से बनी है यह मिठाई, सबसे कम है वजन http://www.shauryatimes.com/news/63862 Sun, 10 Nov 2019 11:16:45 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=63862 मिठाइयों का शौक किसको नहीं होता है. दुनिया भर में करोडो किस्म की मिठाईयां पाई जाती है लेकिन भारत में इसके अनगिनत प्रकार मौजूद है. मिठाईयां हर उपलक्ष्य को खास बनाने में अहम होती हैं. हालांकि आज हम आपको कुछ ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं जो कई मायनों में अभी तक की सबसे अनोखी मिठाई है. यकीन मानिए आपने अभी तक ऐसी मिठाई के बारे में कल्पना भी नहीं और अपने जीवन में कभी देखी भी न होंगी.मिली जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन के कारीगरों ने दुनिया की सबसे हल्की मिठाई तैयार की है. इस मिठाई की सबसे खास बात यह है कि इसे बनाने में वैज्ञानिकों की मदद भी ली गई है. आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि यह दुनिया की सबसे हल्की मिठाई है जिसका वजन सिर्फ 1 ग्राम है. इस मिठाई का 96 फीसदी हिस्सा सिर्फ हवा है. मतलब मुहं को मिठास से भर देने का काम इसमें मिलाए गए सिर्फ 4 प्रतिशत पदार्थ ही करेंगे.

वही दुनिया की सबसे हल्की इस मिठाई का इजाद लंदन में स्थित डिजाइनर स्टूडियो बॉमपास एंड पार के कारीगरों ने एरोजेलेक्स लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर जर्मनी के हैमबर्ग में किया गया है. जंहा इस मिठाई को बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने पहले दुनिया के सबसे हल्के ठोस पदार्थ को खाने लायक बनाया फिर उसमें मिठास डाली गई है. जानकारी के अनुसार इस मिठाई को एरोजेल से बनाया गया है. एरोजेल दुनिया का सबसे हल्का ठोस पदार्थ है. इसका अविष्कार वर्ष 1931 में हुआ था. इस पदार्थ का अविष्कार अमेरिका के रसायनविद सैमुअल किस्टलर द्वारा किया गया है. वही सैमुअल व उनके एक साथी के बीच शर्त लगी थी कि कौन बिना सिकुड़न के जेल में मौजूद पानी को हवा में बदला जा सकता है. जंहा इसी शर्त के चलते सैमुअल ने कई प्रयोग किए जिसमें एरोजेल का अविष्कार हुआ. एरोजेल में 95 से 99.8 प्रतिशत हवा होती है.

इसी वजह से यह दुनिया का सबसे हल्का ठोस पदार्थ है. एरोजेल से ही बॉमपास एंड पार के डिजाइनरों को दुनिया की सबसे हल्की मिठाई बनाने का आइडिया आया है. डिजाइनरों ने एरोजेल से मिठाई बनाने का फैसला किया. वैसे तो एरोजेल का निर्माण कई पदार्थों से होता है लेकिन मिठाई बनाने के लिए कारीगरों ने अंडे की सफेदी में पाए जाने वाले ग्लोबुलर प्रोटीन एल्बमोइड्स का प्रयोग किया. इसे बनाने के लिए सबसे पहले अंडे के सफेद हिस्से से हाइड्रोजेल तैयार किया गया और फिर उसे कैल्शियम क्लोराइड और और पानी में डुबोकर एक सांचे में डाला दिया गया था. इसके बाद तैयार मैरिंग्यु जेल से तरल पदार्थ हटाकर उसे लिक्विड कार्बन डाई ऑक्साइड में बदला गया. इसे बाद में गैस बना दिया गया और अंत इससे गैस को भी हटा दिया गया है. वही 10 -20 अक्टूबर 2019 सउदी अरब के दरहान स्थित किंग अब्दुल अजीज सेंटर फॉर वर्ल्ड कल्चर (इथ्रा) में प्रस्तुत किया जाएगा.

]]>