सुखपाल सिंह खैहरा ने भी आम आदमी पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया है। इससे पहले एचएस फूलका ने पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 06 Jan 2019 10:09:54 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सुखपाल सिंह खैहरा ने भी आम आदमी पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया है। इससे पहले एचएस फूलका ने पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया http://www.shauryatimes.com/news/26330 Sun, 06 Jan 2019 10:09:54 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=26330 वरिष्‍ठ वकील एचएस फूलका के बाद सुखपाल सिंह खैहरा ने भी आम आदमी पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया है। खैहरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सुखपाल खैहरा आप नेतृत्‍व के खिलाफ बगावत कर दी थी और उनको पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। खैहरा ने सात विधायकों के साथ आप नेतृत्‍व के खिलाफ सम्‍मेलन आयोजित कर दिल्‍ली के नेताओं के खिलाफ बगावत कर दी थी। लोकसभा चुनाव से पहले यह आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

खैहरा ने रविवार को आप से इस्‍तीफा देने की घोषणा की। अभी स्‍पष्‍अ नहीं है कि खैहरा का साथ दे रहे कंवर संधू सहित सात विधायकों का क्‍या रुख होगा। खैहरा ने अपना इस्‍तीफा पार्टी नेतृत्‍व को भेज दिया। दो दिन पहले एचएच फूलका ने आप को इस्‍तीफा दे दिया था। फूलका ने  आप के राष्ट्रीय समन्‍वयक आैर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को वीरवार का पार्टी से अपना इस्‍तीफा सौंपा था।

पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अाप से निलंबित थे खैहरा 

खैहरा और फूलका के इस्तीफे के बाद पंजाब विधान सभा में आप विधायकों की संख्या 18 रह गई है। खैहरा ने पार्टी के अध्यक्ष व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर कहा कि पार्टी ने उन्हें अपमानित किया।  यह ही नहीं खैहरा ने अपने पत्र में यह भी कहा कि अन्ना हजारे मूवमेंट से निकली आप अपने उद्देश्यों से भटक चुकी है। जिस उद्देश्य को लेकर वह आप से जुड़े।

पंजाब विधान सभा चुनाव में आप 100 सीटें जीतने का दावा कर रही थी लेकिन मात्र 20 सीटों पर ही सिमट गई। खैहरा स‍हित अन्‍य बागी नेताओं का कहना था कि पंजाब आप की कमान बाहरी व्यक्तियों को सौंपी गई, इसी कारण आप की हार हुई। इतनी बड़ी हार के बावजूद किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। इतिहास गवाह है कि पंजाब ने कभी भी किसी बाहरी व्यक्ति को स्वीकार नहीं किया। खैहरा ने केजरीवाल को लिखा है कि पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के बाद भी उनका दोहरा चरित्र सामने आया।

अपनी राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते है खैहरा

सुखपाल खैहरा अपनी राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते है। आम आदमी पार्टी में रहते हुए वह अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन नहीं कर सकते थे। क्योंकि  अगर वह एेसा करते तो विधान सभा से उनकी सदस्यता पर खतरा उतपन्न हो सकता था। खैहरा पहले ही कह चुके है कि माघी मेले के दौरान वह अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। इसलिए उन्होंने उससे पहले आप की सदस्या से इस्तीफा दे दिया। 

छिन गया था नेता विपक्ष का पद 
एचएस फूलका के नेता विपक्ष की कुर्सी से इस्तीफा देने के बाद खैहरा को नेता विपक्ष बनाया गया था। लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण आप ने उनसे यह कुर्सी छीन ली थी। जिसके बाद खैहरा बागी हो गए थे और प्राटी ने उन्हें व उनके साथी विधायक कंवर संधू को पार्टी से निलंबित कर दिया था। 

सुखपाल सिंह खैहरा जब कांग्रेस में थे तब भी उनकी पार्टी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अनबन बनी रही। जब कांग्रेस की कमान प्रताप सिंह बाजवा को सौंपी गई तब उनकी संबंध बाजवा से बिगड़ गए। कांग्रेस छोड़ने के बाद खैहरा ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की। थोड़े ही समय बाद अरविंद केजरीवाल से उनके संबंध बिगड़ने लगे थे।

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