सुशील मोदी और रीना पासवान होंगे आमने-सामने – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 28 Nov 2020 12:06:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 बिहार की राज्‍यसभा सीट पर बड़े दंगल की तैयारी, सुशील मोदी और रीना पासवान होंगे आमने-सामने http://www.shauryatimes.com/news/91981 Sat, 28 Nov 2020 12:06:48 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=91981 बिहार में एक और सियासी दंगल के लिए ग्रह-नक्षत्रों का संयोग बनता दिख रहा है। प्रतिपक्ष की ओर से सत्ता पक्ष को लगातार तीसरी चुनौती देने की तैयारी है। विधानसभा और स्पीकर चुनाव के बाद महागठबंधन अब राज्यसभा चुनाव में भी राजग के खिलाफ प्रत्याशी देने जा रहा है। दमदार और असरदार उम्मीदवार का इंतजार है। चूंकि नामांकन की तारीख तीन दिसंबर तक है। इसलिए कोई जल्दबाजी नहीं है। राबड़ी देवी एवं तेजस्वी यादव की सहमति मिल चुकी है। सिर्फ लालू प्रसाद से हरी झंडी मिलने की प्रतीक्षा है।

लालू परिवार के करीबी सूत्र के मुताबिक भाजपा द्वारा सुशील मोदी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद राजद एक धर्मसंकट से उबर गया है। कोई अल्पसंख्यक प्रत्याशी होता तो राजद अपने वोट बैंक का ख्याल करते हुए उसे चुनौती देने से परहेज करता।

तेजस्‍वी सरकार को सुकून का मौका नहीं देना चाहते

बड़ी खबर है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर डोरे डाले जा रहे हैं। चिराग पासवान तैयार हो जाते हैं तो उनकी मां रीना पासवान सर्वसम्मति से महागठबंधन की प्रत्याशी होंगी। नहीं तो दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। दरअसल, विधानसभा चुनाव में बेहद करीबी मुकाबले में नीतीश कुमार से पीछे रह गए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सरकार को सुकून का मौका कतई नहीं देना चाहते हैं। एक साथ कई मोर्चे खोलकर नीतीश कुमार की सरकार को उलझाए रखना चाहते हैं। प्रत्येक मोर्चे की निगरानी भी तेजस्वी स्वयं कर रहे हैं। माना जा रहा है कि लालू का संदेश एक-दो दिनों में आ सकता है। रीना अगर तैयार हो गई तो लड़ाई दिलचस्प होगी।

चिराग की हां का इंतजार

तेजस्वी को चिराग के हां का इंतजार है। इसलिए कि इस सीट पर चिराग के पिता रामविलास पासवान के निधन के कारण चुनाव होने जा रहा है। चिराग की ओट में तेजस्वी एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश में हैैं। वह दलित मुद्दे को उछालना चाहते हैैं। अगर चिराग महागठबंधन के प्रस्ताव को मान जाते हैैं तो राजग के बारे में नकारात्मक संदेश जाएगा। रीना पासवान को प्रत्याशी बनाकर तेजस्वी प्रचारित करेंगे कि पासवान के जाते ही जदयू के दबाव में भाजपा ने उनके परिवार को भुला दिया। अगर चिराग इन्कार करते हैैं तो दूसरे प्रत्याशी को मौका दिया जाएगा। कोशिश है कि वह भी दलित समुदाय से ही हो। प्राथमिकता पासवान जाति के प्रत्याशी की होगी, ताकि मकसद बरकरार रहे। फिर कहने के लिए होगा कि पासवान की सीट पर भाजपा ने वैश्य जाति को महत्व दे दिया।

 

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