सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के लखनऊ पहुंचने के बाद डीजीपी खुद उन्हें यह रिपोर्ट सौंपेंगे – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 07 Dec 2018 06:37:24 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के लखनऊ पहुंचने के बाद डीजीपी खुद उन्हें यह रिपोर्ट सौंपेंगे http://www.shauryatimes.com/news/21734 Fri, 07 Dec 2018 06:37:24 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=21734  बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा की जांच रिपोर्ट इंटेलीजेंस के एडीजी एसबी शिरडकर ने तैयार कर ली है. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी. एडीजी ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अफसरों के बयानों को आधार बनाकर रिपोर्ट तैयार की है. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के लखनऊ पहुंचने के बाद डीजीपी खुद उन्हें यह रिपोर्ट सौंपेंगे.

सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में जिले के पुलिस प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस गोकशी रोक पाने में नाकाम रही. इसमें इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार सिंह और ग्रामीण सुमित की हत्या एक ही रिवाल्वर से होने की आशंका जताई गई है. साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि बुलंदशहर जिले में पहले कुल 14 बूचड़खाने चलते थे. अब केवल तीन बूचड़खाने ही चल रहे हैं, जो लाइसेंसी हैं.

हालांकि जिले की पुलिस गोकशी पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगा पा रही है. इसकी एक वजह यह भी है कि ग्रामीण इलाकों में झुंड में आवारा गोवंश के छुट्टा घूमते हैं और उनके लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है. छुट्टा घूमते इन मवेशियों की सुरक्षा पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती व सिरदर्द बन गई है. इसके लिए पशुधन विभाग को भी जिम्मेदार ठहराया गया है.

इस बीच जांच रिपोर्ट में एक बात के लिए पुलिस प्रशासन की सराहना भी है. इसमें कहा गया है कि एक समुदाय विशेष के आयोजन (तब्लीगी इत्जमा) से लौट रही भीड़ को दूसरे रास्तों पर डायवर्ट करने का फैसला सही और उचित समय पर उठाया गया. यह सटीक प्रशासनिक कदम था. इससे बड़ी घटना होने से टाली जा सकी. लेकिन सूत्रों के अनुसार शुरुआती जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आला अफसर मामले को गंभीरता से लेते, तो हिंसा को टाला जा सकता था.

रिपोर्ट के मुताबिक, आला अफसर हिंसा के समय मौके पर पहुंचे ही नहीं. इससे पहले, खुर्जा में भी गोहत्या की घटना हुई थी, तब भी आला अफसर मौके पर नहीं गए थे. हिंसा होते ही मेरठ जोन के अफसरों को भी अलर्ट हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. घटना की पहली सूचना सुबह साढ़े 9 बजे आई थी, लेकिन आला अफसरों ने खुद न जाकर एसडीएम, सीओ व इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भेज दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, अफसरों को गोवंश के अवशेषों को ट्रॉली से चौकी ले जाने के बजाय तत्काल निस्तारण कराना था. इस दौरान, ड्राइवर ट्रॉली छोड़ ट्रैक्टर ले गया. इससे भावनाएं भड़कीं और हिंसा फैल गई.

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