सेहत के लिए भी है बेहद उपयोगी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 10 Nov 2019 10:22:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 जायकेदार पहाड़ का मीठा करेला, सेहत के लिए भी है बेहद उपयोगी http://www.shauryatimes.com/news/63825 Sun, 10 Nov 2019 10:22:38 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=63825 करेला और वह भी मीठा। बात भले ही गले नहीं उतर रही हो, लेकिन है सोलह आने सच। वैसे यह करेला चीनी की तरह मीठा नहीं होता, लेकिन कड़वा न होने के कारण इसे मीठा करेला कहते हैं। पहाड़ में इसे ज्यादातर कंकोड़ा और कई इलाकों में परबल, राम करेला आदि नामों से भी जाना जाता है। कंकोड़ा ऊंचाई वाले इलाकों में अगस्त से लेकर नवंबर तक उगने वाली सब्जी है। पहाड़ में बरसात की सब्जियों के आखिरी पायदान पर यह लोगों के पोषण के काम आता है। हल्के पीले व हरे रंग और छोटे-छोटे कांटों वाली इस सब्जी मिनटों में तैयार हो जाती है। बनाने की प्रक्रिया भी अन्य सब्जियों की तरह ही है। हां! यह जरूर ध्यान रखें कि कढ़ाई में छौंकते-छौंकते और अल्टा-पल्टी कर हल्की भाप देते ही कंकोड़े की सब्जी बनकर तैयार हो जाती है।

जैसी सब्जी, वैसा जायका

कंकोड़े की की सूखी सब्जी जितनी जायकेदार होती है, उतनी ही आलण (बेसन का घोल) डालकर तैयार की गई तरीदार सब्जी भी। इसके अलावा कंकोड़े के सुक्सों की सब्जी भी बेहद स्वादिष्ट होती है। सीजन में आप कंकोड़ों को सुखाकर किसी भी मौसम में आप सुक्सों की सब्जी बना सकते हैं। सुक्सों को भिगोकर बनाई गई तरीदार सब्जी का भी कोई जवाब नहीं। सब्जी के साथ इसके बीज खाने में खराब लगते हैं। लेकिन, यदि बीजों को अलग से भूनकर खाने में आनंद आता है।

कच्चा खाने में भी स्वादिष्ट

जब कंकोड़े छोटे-छोटे होते हैं तो उन्हें कच्चा भी खाया जा सकता है। कच्चे खाने में यह खूब स्वादिष्ट लगते हैं और ककड़ी (खीरा) की तरह हल्की महक देते हैं।

डायबिटीज में बेहद उपयोगी

कड़वा करेला जहां डायबिटीज का दुश्मन है, वहीं मीठा करेला यानी कंकोड़ा भी डायबिटीज की प्रभावशाली दवा है। सभी तरह के चर्म रोग व जलन में भी यह उपयोगी है। इसकी पत्तियों का रस पेट के कीड़ों को मारने सहायक है। कुष्ठ रोग में भी कंकोड़ा को लाभकारी माना जाता है। इसका स्वरस कील-मुहांसों को ठीक करने के भी काम आता है, जबकि इसकी जड़ को सुखाकर बनाया गए चूर्ण का लेप चर्म रोगों के लिए बहुत उपयोगी है।

आयरन व एंटीऑक्सीडेंट का खजाना  

एक शोध में पता चला है कि कंकोड़ा में न केवल पर्याप्त मात्रा में आयरन मौजूद है, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और खून को साफ करने वाले तत्व भी इसमें हैं। बता दें कि आयरन की कमी होने से एनीमिया, सिरदर्द, चक्कर आना, हीमोग्लोबिन बनने में परेशानी होना जैसी परेशानियां शरीर को पस्त कर देती हैं। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट अक्सर अच्छे स्वास्थ्य और बीमारियों को रोकने का काम करते है। कंकोड़ा फाइबर, प्रोटीन और कॉर्बोहाइड्रेट की भी खान है। इसके पौधे पर बीमारियों का प्रकोप भी नहीं होता, जिस कारण यह पहाड़ों में खूब पनपता है। अब तो देहरादून व हल्द्वानी जैसे शहरों में कंकोड़ा मिलने लगा है।

रामजी ने खाया था, सो राम करेला नाम पड़ा

कंकोड़ा लौकी कुल की सब्जी है। इसका वैज्ञानिक नाम सिलेंथरा पेडाटा (एल) स्चार्ड है। इसका एक नाम राम करेला भी है। यह नाम कैसे पड़ा, इस बारे में किसी को जानकारी नहीं, लेकिन किंवदंती है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान इसका सेवन किया था। सो, इसे राम करेला कहा जाने लगा।

]]>