सोमवार के दिन जरूर करें महादेव के 108 नामों का जाप – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 05 Apr 2021 06:58:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सोमवार के दिन जरूर करें महादेव के 108 नामों का जाप http://www.shauryatimes.com/news/107813 Mon, 05 Apr 2021 06:58:31 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=107813 आज हम लाये हैं शिव जी के 108 नाम जिनका अपना ही एक विशेष महत्व है। हम नाम को अर्थ सहित लेकर आए हैं जिनके जाप से आपके मन की इच्छा की पूर्ति होगी।

भगवान शिव के 108 नाम, अर्थ सहित-

1. शिव- कल्याण स्वरूप
2. महेश्वर- माया के अधीश्वर
3. शम्भू- आनंद स्वरूप वाले
4. पिनाकी- पिनाक धनुष धारण करने वाले
5. शशिशेखर- सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
6. वामदेव- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
7. विरूपाक्ष. विचित्र आंख वाले( शिव के तीन नेत्र हैं)
8. कपर्दी- जटाजूट धारण करने वाले
9. नीललोहित- नीले और लाल रंग वाले
10. शंकर- सबका कल्याण करने वाले
11. शूलपाणी- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
12. खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले
13. विष्णुवल्लभ- भगवान विष्णु के अति प्रिय

14. शिपिविष्ट- सितुहा में प्रवेश करने वाले
15. अंबिकानाथ- देवी भगवती के पति
16. श्रीकण्ठ- सुंदर कण्ठ वाले
17. भक्तवत्सल- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
18. भव- संसार के रूप में प्रकट होने वाले
19. शर्व- कष्टों को नष्ट करने वाले
20. त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी
21. शितिकण्ठ- सफेद कण्ठ वाले
22. शिवाप्रिय- पार्वती के प्रिय
23. उग्र- अत्यंत उग्र रूप वाले
24. कपाली- कपाल धारण करने वाले
25. कामारी- कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
26. सुरसूदन- अंधक दैत्य को मारने वाले
27. गंगाधर- गंगा जी को धारण करने वाले
28. ललाटाक्ष- ललाट में आंख वाले

29. महाकाल- कालों के भी काल
30. कृपानिधि- करूणा की खान
31. भीम- भयंकर रूप वाले
32. परशुहस्त- हाथ में फरसा धारण करने वाले
33. मृगपाणी- हाथ में हिरण धारण करने वाले
34. जटाधर- जटा रखने वाले
35. कैलाशवासी- कैलाश के निवासी
36. कवची- कवच धारण करने वाले
37. कठोर- अत्यंत मजबूत देह वाले
38. त्रिपुरांतक- त्रिपुरासुर को मारने वाले
39. वृषांक- बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले
40. वृषभारूढ़- बैल की सवारी वाले

41. भस्मोद्धूलितविग्रह- सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
42. सामप्रिय- सामगान से प्रेम करने वाले
43. स्वरमयी- सातों स्वरों में निवास करने वाले
44. त्रयीमूर्ति- वेदरूपी विग्रह करने वाले
45. अनीश्वर- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
46. सर्वज्ञ- सब कुछ जानने वाले
47. परमात्मा- सब आत्माओं में सर्वोच्च
48. सोमसूर्याग्निलोचन- चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
49. हवि- आहूति रूपी द्रव्य वाले
50. यज्ञमय- यज्ञस्वरूप वाले
51. सोम- उमा के सहित रूप वाले
52. पंचवक्त्र- पांच मुख वाले
53. सदाशिव- नित्य कल्याण रूप वाल
54. विश्वेश्वर- सारे विश्व के ईश्वर

55. वीरभद्र- वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
56. गणनाथ- गणों के स्वामी
57. प्रजापति- प्रजाओं का पालन करने वाले
58. हिरण्यरेता- स्वर्ण तेज वाले
59. दुर्धुर्ष- किसी से नहीं दबने वाले
60. गिरीश- पर्वतों के स्वामी
61. गिरिश्वर- कैलाश पर्वत पर सोने वाले
62. अनघ- पापरहित
63. भुजंगभूषण- सांपों के आभूषण वाले
64. भर्ग- पापों को भूंज देने वाले
65. गिरिधन्वा- मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
66. गिरिप्रिय- पर्वत प्रेमी
67. कृत्तिवासा- गजचर्म पहनने वाले

68. पुराराति- पुरों का नाश करने वाले
69. भगवान्- सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
70. प्रमथाधिप- प्रमथगणों के अधिपति
71. मृत्युंजय- मृत्यु को जीतने वाले
72. सूक्ष्मतनु- सूक्ष्म शरीर वाले
73. जगद्व्यापी- जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले
74. जगद्गुरू- जगत् के गुरू
75. व्योमकेश- आकाश रूपी बाल वाले
76. महासेनजनक- कार्तिकेय के पिता
77. चारुविक्रम- सुन्दर पराक्रम वाले
78. रूद्र- भयानक
79. भूतपति- भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी
80. स्थाणु- स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
81. अहिर्बुध्न्य- कुण्डलिनी को धारण करने वाले
82. दिगम्बर- नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले
83. अष्टमूर्ति- आठ रूप वाले

84. अनेकात्मा- अनेक रूप धारण करने वाले
85. सात्त्विक- सत्व गुण वाले
86. शुद्धविग्रह- शुद्धमूर्ति वाले
87. शाश्वत- नित्य रहने वाले
88. खण्डपरशु- टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
89. अज- जन्म रहित
90. पाशविमोचन- बंधन से छुड़ाने वाले
91. मृड- सुखस्वरूप वाले
92. पशुपति- पशुओं के स्वामी
93. देव- स्वयं प्रकाश रूप

94. महादेव- देवों के भी देव
95. अव्यय- खर्च होने पर भी न घटने वाले
96. हरि- विष्णुस्वरूप
97. पूषदन्तभित्- पूषा के दांत उखाड़ने वाले
98. अव्यग्र- कभी भी व्यथित न होने वाले
99. दक्षाध्वरहर- दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
100. हर- पापों व तापों को हरने वाले
101. भगनेत्रभिद्- भग देवता की आंख फोड़ने वाले
102. अव्यक्त- इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
103. सहस्राक्ष- हजार आंखों वाले
104. सहस्रपाद- हजार पैरों वाले
105. अपवर्गप्रद- कैवल्य मोक्ष देने वाले
106. अनंत- देशकालवस्तु रूपी परिछेद से रहित
107. तारक- सबको तारने वाले
108. परमेश्वर- सबसे परम ईश्वर।

]]>