स्थानीय निवासी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 21 Jul 2021 06:49:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 जम्‍मू कश्‍मीर की स्थानीय नागरिकता पाने के लिए करें यह काम http://www.shauryatimes.com/news/111687 Wed, 21 Jul 2021 06:49:31 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=111687
जम्‍मू कश्‍मीर की स्थानीय नागरिकता पाने के लिए करें यह काम

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू के स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। नियमों के मुताबिक अब दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग, जिन्होंने कश्मीरी लड़की से शादी की है। वो भी अब राज्‍य के स्थायी निवासी बन सकते हैं। सरकार उनके लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करेगी।

जम्मू और कश्मीर में जब तक अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए लागू था, तब तक ऐसी दशा में सिर्फ महिला ही कश्मीर की स्थायी निवासी रहती, उसके बच्चों और पति को इस दायरे से बाहर रखा गया था। अगर कश्मीरी पुरुष किसी महिला से शादी करता था तो उसे और उसके बच्चों को स्थायी निवासी माना जाता था।

वहीं पुरुषों के सबंध में इस नियम में पहले ही ढील मिली हुई थी। वे किसी भी दूसरे राज्य की महिला से शादी कर सकते थे, उससे होने वाले बच्चे कश्मीर के स्थायी निवासी ही माने जाते। कहा जा रहा है कि प्रशासन का यह कदम लैंगिक असमानता खत्म करने के लिए है। जम्मू और कश्मीर प्रशासन की ओर से यह अधिसूचना 20 जुलाई, 2021 को जारी की गई है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को इस धारा को हटाने का प्रस्ताव रखा था। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन का प्रस्ताव पेश किया था। 6 अगस्त को इसी प्रस्ताव को लोकसभा में रखा गया था, जो दोनों सदनों में चर्चा के बाद पास हो गया था। अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द कर दिया गया था। इस अनुच्छेद की वजह से देश के कई कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे। अब इन अनुच्छेदों के हटने के बाद से ही लगातार जम्मू और कश्मीर के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं।

दरअसल संविधान का अनुच्छेद 35 ए से जम्मू-कश्मीर की सरकार और वहां की विधानसभा को ही स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता था। राज्य सरकार को पहले यह अधिकार था कि देश के बाकी हिस्सों के नागरिकों को स्थानीय निवासी का अधिकार दे या नहीं। अनुच्छेद 35 एक, अनुच्छेद 370 का एक हिस्सा था, जिसके चलते किसी भी दूसरे राज्य का नागरिक, जम्मू और कश्मीर में न संपत्ति खरीद सकता था, न ही स्थायी नागरिक बनकर रह सकता था।

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