हो सकता है आप दुकान पर कोई खाने-पीने की चीज लेने जाएं और उसकी पैकेजिंग पहले से एकदम अलग हो – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 26 Dec 2018 06:49:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 हो सकता है आप दुकान पर कोई खाने-पीने की चीज लेने जाएं और उसकी पैकेजिंग पहले से एकदम अलग हो http://www.shauryatimes.com/news/24395 Wed, 26 Dec 2018 06:49:53 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=24395 हो सकता है आप दुकान पर कोई खाने-पीने की चीज लेने जाएं और उसकी पैकेजिंग पहले से एकदम अलग हो. ऐसे में आपको आश्चर्य करने की जरूरत नहीं है. जी हां, जल्द ही फूड पैकेजिंग का नया नियम आ सकता है. सूत्रों के अनुसार एफएसएसएआई (fssai) इसको लेकर इसी हफ्ते नोटिफिकेशन जारी कर सकती है. नया नियम लागू होने के बाद खान-पीने की चीजों की पैकेजिंग पूरी तरह बदल जाएगी. एफएसएसआई फूड पैकेजिंग के नए नियमों पर लंबे समय से काम कर रही है.

रीसाइकल प्लास्टिक का इस्तेमाल होगा बैन

मौजूदा नियमों के मुताबिक पैकेजिंग के लिए एल्यूमिनियम, ब्रास, कॉपर, प्लास्टिक और टिन का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अब खाने-पीने की चीजों की पैकेजिंग में शरीर को हानी पहुंचाने वाले खनिज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए एफएसएसआई की तरफ से यह कदम उठाया जा रहा है. जिस खनिज से किसी भी फूड की पैकेजिंग की जाएगी, उसकी मात्रा तय की जाएगी. साथ ही रीसाइकल किया गया प्लास्टिक भी पैकिंग में प्रयोग नहीं किया जा सकेगा.

फूड पैकेजिंग को तीन हिस्सों में बांटा गया

अभी बीआईएस के पास पैकेजिंग के नियम थे, लेकिन ये अनिवार्य नहीं थे. लेकिन अब एफएसएसआई के नियम अनिवार्य होंगे. बीआईएस पैकेजिंग से ज्यादा लेबलिंग पर ध्यान देता है लेकिन अब एफएसएसआई ने फूड पैकेजिंग को तीन हिस्सों में बांट दिया है. पैकेजिंग, लेबलिंग और क्लेम एंड एडवरटाइजमेंट. जिसमें से पैकेजिंग के नियम आने जा रहे हैं, क्लेम एंड एडवरटाइजमेंट के नियम आ गए हैं.

पैकिंग में सेहत का खास ध्यान रखेगी एफएसएसआई

नए नियमों में साफ लिखा होगा कि जिस भी खनिज का इस्तेमाल पैकेजिंग में हो रहा है उसकी मात्रा क्या होगा. खाने पीने का कोई भी आइटम किसी ऐसी चीज से पैक नहीं होगा, जो सेहत के लिए नुकसानदायक होगा. साथ ही नए नियमों के तहत मल्टीलेयर पैकेजिंग की जाएगी, ताकी खाने की चीजें सीधे पैकेट के टच में न आ सके. इसके अलावा सेहत का ध्यान रखने के लिए प्रिंटिंग इंक का भी खास ध्यान रखा जाएगा. न्यूज पेपर या किसी भी प्रकार से लिखे हुए कागज से कुछ भी पैक करना गलत होगा.

नए नियम के तहत सस्ते और घटिया किस्म के उत्पाद पैकिंग में इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे. मिनरल वाटर या पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर ट्रांसपेरेंट, कलरलेस डिब्बे में ही पैक होंगे. एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक भारत का फूड मार्केट 18 बिलियन डॉलर का होगा. साल 2016 में यह मार्केट 12 अरब डॉलर का है. यही नहीं एफएसएसआई का मानना है कि इससे खाद्य पदार्थों की बर्बादी को भी रोका जा सकेगा.

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