100 and 1000 rupees for construction of Shri Ram temple – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 14 Dec 2020 07:31:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कार्यकर्ता काटेंगे 10, 100 और 1000 रुपये का कूपन http://www.shauryatimes.com/news/94201 Mon, 14 Dec 2020 07:29:33 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=94201 शीघ्र प्रारूप तैयार कर नींव निर्माण कार्य होगा प्रारम्भ : चंपत राय

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण में धन एकत्र करने के लिए ट्रस्ट के नेतृत्व में कार्यकर्ता मकर संक्रांति से जनसंपर्क प्रारंभ करेंगे और करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र पहुँचाएंगे। माघ पूर्णिमा तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। लाखों रामभक्त इस अभियान के लिये अपना पूर्ण समय समर्पित करेंगे। मंदिर निर्माण के लिए देश के हर कोने के घरों से सहयोग लेने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दस रुपया, सौ रुपया, एक हजार रुपये के कूपन व रसीदें छापी हैं। ट्रस्ट महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद् के उपाध्यक्ष चंपत राय ने सोमवार को बताया कि श्री जन्मभूमि मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार किया। भारत सरकार ने न्यायालय के निर्देश पर श्रीराम जन्मभूमि के लिए “श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” नाम से ट्रस्ट गठित किया। प्रधानमंत्री ने 5 अगस्त को अयोध्या में पूजन करके मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को गति प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि मंदिर के वास्तु का दायित्व अहमदाबाद के चंद्रकान्त सोमपुरा जी पर है। वे वर्ष 1986 से जन्मभूमि मन्दिर निर्माण की देखभाल कर रहे हैं। लार्सन टुब्रो कम्पनी को मंदिर निर्माण का कार्य दिया है, निर्माता कंपनी के सलाहकार के रूप में ट्रस्ट ने “टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स“ को चुना है। संपूर्ण मंदिर पत्थरों से बनेगा। मन्दिर तीन मंजिला होगा। प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट होगी, मंदिर की लंबाई 360 फीट तथा चौड़ाई 235 फीट है, भूतल से 16.5 फीट ऊँचा मंदिर का फर्श बनेगा, भूतल से गर्भगृह के शिखर की ऊँचाई 161 फीट होगी।

धरती के नीचे 200 फीट गहराई तक मृदा परीक्षण तथा भविष्य के सम्भावित भूकम्प के प्रभाव का अध्ययन हुआ है। जमीन के नीचे 200 फीट तक भुरभुरी बालू पायी गयी है, गर्भगृह के पश्चिम में कुछ दूरी पर ही सरयू नदी का प्रवाह है। इस भौगोलिक परिस्थिति में 1000 वर्ष आयु वाले पत्थरों के मन्दिर का भार सहन कर सकने वाली मजबूत व टिकाऊ नींव की ड्राइंग पर आईआईटी बंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी चेन्नई, आईआईटी गुवाहाटी, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की, लार्सन टूब्रो व टाटा के इंजीनियर आपस में परामर्श कर रहे हैं। बहुत शीघ्र नींव का प्रारूप तैय्यार होकर नीव निर्माण कार्य प्रारम्भ होगा।

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