13 सितंबर को है इंदिरा एकादशी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 10 Sep 2020 06:06:10 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 13 सितंबर को है इंदिरा एकादशी, जानें- व्रत की पौराणिक कथा http://www.shauryatimes.com/news/83459 Thu, 10 Sep 2020 06:06:10 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=83459 एकादशी का पर्व बहुत ख़ास माना जाता है. वैसे आप यह भी जानते ही होंगे एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ कहा जाता है. जी दरअसल पंचांग के मुताबिक़ इस समय आश्विन मास चल रहा है और आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है. ऐसे में इस बार यह एकादशी 13 सितंबर 2020 को है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं इस व्रत की कथा. जी दरअसल इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की आर्शीवाद प्राप्त होता है. वहीँ इस व्रत के दिन कथा सुनने या पढ़ने से बड़े बड़े पापों का नाश होता है. इंदिरा एकादशी व्रत कथा इंदिरा एकादशी व्रत में इस कथा को अवश्य सुनना चाहिए.

पौराणिक कथा – सतयुग में इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा राज्य करता था. उसके राज्य का नाम महिष्मति था. महिष्मति राज्य में जनता को किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं था. प्रजा सुखपूर्वक रहती थी. राजा इंद्रसेन भगवान विष्णु का परम भक्त था. एक दिन नारद जी इंद्रसेन के दरबार में उपस्थित हुए और राजा को पिता का सदेंश सुनाया. नारद ने राजा को बताया कि उनके पिता यमलोक में हैं. पूर्व जन्म में उनसे कोई गलती हो गई थी जिस कारण वे यमलोक में रहने को विवश हैं. नारद ने राजा को उपाय बताते हुए कहा कि यदि इंद्रसेन आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी का व्रत रखें तो उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी.

राजा ने नारद जी से इंदिरा एकादशी के व्रत के बारे में विस्तार से जानकारी देने का आग्रह किया. इस पर नारद जी ने कहा कि एकादशी तिथि से पूर्व दशमी को विधि विधान से पितरों का श्राद्ध करें. और एकादशी की तिथि को व्रत रखें और द्वादशी के दिन भगवान की पूजा के बाद दान आदि का कार्य करने के बाद व्रत का पारण करें. नारद जी ने इंद्रसेन से कहा कि इस तरह से व्रत करने से पिता को स्वर्ग प्राप्त होगा. राजा इंद्रसेन ने नारद के बताए हुए नियमों के अनुसार ही व्रत किया. एकादशी का व्रत रखने के कारण उनके पिता को स्वर्ग प्राप्त हुआ.

]]>