19.5 lakh farmers got 24 thousand crores on KCC in the state – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 17 Dec 2020 06:59:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सूबे में साढ़े 19 लाख किसानों को केसीसी पर मिला 24 हजार करोड़ http://www.shauryatimes.com/news/94561 Thu, 17 Dec 2020 06:59:53 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=94561 पहली बार डेयरी और मत्स्य पालन के लिए भी केसीसी से भी मिल रहा लोन

लखनऊ : सूबे में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार और बैंकों ने खजाना खोल दिया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में सितंबर तक 19 लाख 62 हजार 954 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड ( केसीसी) पर 24 हजार 103 करोड़ 83 लाख रुपए रियायती दर पर लोन दिए गए हैं। इतना ही नहीं, पहली बार केसीसी पर 20,027 किसानों को डेयरी और 777 किसानों को मत्स्य पालन के लिए लोन दिए गए हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से अधिक से अधिक किसानों को केसीसी से जोड़ने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की समय सीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया गया है। प्रदेश में किसानों की आय को दुगुनी करने के लिए सरकार की ओर से पुरजोर कोशिश की जा रही है। इसके तहत केसीसी की सुविधा से वंचित पीएम किसान सम्मान के लाभार्थियों को केसीसी की सुविधा देने के साथ-साथ सुरक्षा बीमा योजनाओं, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की सुविधा भी दी जा रही है। इतना ही नहीं, प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान सितंबर तक 15,82,941 केसीसी का नवीनीकरण कर इनको 19 हजार 327 करोड़ 31 लाख रुपए लोन भी दिया गया है। इसके अलावा पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर 3,80,013 नए केसीसी बनाकट इनको चार हजार 776 करोड़ 52 लाख रुपए लोन दिए गए हैं।

दो फीसदी सबवेंशन और तीन फीसदी शीघ्र पुनर्भुगतान पर दी जा रही प्रोत्साहन राशि

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने 11 फरवरी 2019 को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा को डेयरी और मत्स्य पालन के लिए भी निर्देश दिए थे। इसके तहत तीन लाख तक के लिए दो लाख की सब लिमिट को डेयरी और मत्स्य पालन के लिए दो फीसदी सबवेंशन और तीन फीसदी शीघ्र पुनर्भुगतान पर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। पशुपालकों और मत्स्य पालकों को तीव्र गति से इस योजना का लाभ देने के उद्देश्य से वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने एक जून 2020 से 31 जुलाई 2020 तक एक अभियान की शुरुआत की थी। इसके बाद अभियान की समय सीमा को बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया और फिर इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है।

किसानों की औसत आमदनी में 27 हजार 904 रुपए की वृद्धि हुई

प्रदेश सरकार ने किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान कराने के लिए एस्क्रो अकाउंट की व्यवस्था लागू की है, जिससे गन्ना मूल्य मद की धनराशि का उपयोग किसी दूसरे मद में करने पर रोक लगा है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने किसानों को एक लाख 12 हजार करोड़ रुपए का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया है। गन्ना किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभाग द्वारा नौ सूत्रीय गन्ना विकास कार्यक्रम के माध्यम से गन्ने की उत्पादकता में बढ़ोतरी कर उत्पादन लागत में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। जिस कारण गन्ने की औसत उत्पादकता 72.38 से बढ़कर 81.10 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। इससे किसानों की औसत आमदनी में करीब 27 हजार 904 रुपए की वृद्धि हुई है।

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