2022 तक 100 करोड़ वैक्सीन बनाने में करेगा मदद – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 13 Mar 2021 07:10:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 कोरोना महामारी के खिलाफ साथ आए भारत-अमेरिका, 2022 तक 100 करोड़ वैक्सीन बनाने में करेगा मदद http://www.shauryatimes.com/news/105314 Sat, 13 Mar 2021 07:10:27 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=105314 कोरोना महामारी की चुनौती के खिलाफ क्वाड देश साथ आए हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के मद्देनजर वैक्सीन निर्माण की क्षमता बढ़ाने को लेकर भारत और अमेरिका साथ आए हैं। अमेरिका, भारत को साल 2022 के अंत तक कोरोना वायरस की 100 करोड़ वैक्सीन बनाने में मदद करेगा।अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम(U.S. International Development Finance Corporation) , भारतीय निर्माता जैविक ई लिमिटेड( Indian manufacturer Biological E Ltd.) को 100 करोड़ वैक्सीन का निर्माण करने में सहायता करेगी। अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम 2022 के अंत तक COVID-19 टीकों की कम से कम 100 करोड़ डोज का उत्पादन करने के अपने प्रयास का समर्थन करने के लिए भारतीय निर्माता जैविक ई लिमिटेड के साथ मिलकर काम करेगी।

एशिया के लिए वैक्सीन नीति

शुक्रवार को क्वाड देशों यानी भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की एक अहम बैठक हुई। इस अहम बैठक में कोरोना वायरस से जंग लड़ रही दुनिया को इससे निजात दिलाने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इसमें एक बड़ा फैसला ये रहा कि अमेरिकी वैक्सीन जॉनसन एंड जॉनसन(Johnson & Johnson) का उत्पादन भारत में किया जाएगा। इसके साथ ही एक साल के अंदर एशियाई देशों को वैक्सीन पहुंचाने का फैसला भी इस बैठक में लिया गया। क्वाड देशों की बैठक में भारत की वैक्सीन कूटनीति को आगे बढ़ाने के साथ इसका समर्थन करने का भी फैसला लिया गया। देश में अमेरिका के टीके बनाने के लिए भारत अपनी विनिर्माण क्षमता का उपयोग करेगा।

शुक्रवार को ‘क्वाड’ के डिजिटल तरीके से आयोजित शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने शिरकत की। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि मैं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को भारत के ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के दर्शन के विस्तार के तौर पर देखता हूं, जो कि पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है।

 

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