659 crore jurmana on panipat refinary – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 26 Nov 2019 08:00:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 पानीपत रिफाइनरी जल और वायु प्रदूषण के लिए दोषी, 659 करोड़ जुर्माने की सिफारिश http://www.shauryatimes.com/news/66664 Tue, 26 Nov 2019 08:00:52 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=66664 पहले भी हो चुका है रिफाइनरी पर 17.31 करोड़ का जुर्माना

पानीपत : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की स्पेशल ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने इंडियन ऑयल कारपोरेशन लि.की पानीपत स्थित दक्षिण एशिया उप महादीप की सबसे बड़ी रिफाइनरी को जल और वायु प्रदूषण के लिए देाषी पाया है। इसके लिए कमेटी ने रिफाइनरी पर 659 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। उल्लेखनीय है कि एनजीटी पानीपत रिफाइनरी पर पहले भी वायु और जल प्रदूषण फैलाने के मामले में 17.31 करोड़ का जुर्माना कर चुका है। रिफाइनरी ने जुर्माने की रकम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बार्ड में जमा करवा दी थी, जिसका इस्तेमाल पानीपत रिफाइनरी क्षेत्र में पर्यावरण को बढावा देने के लिए किया जाएगा। साथ ही एनजीटी ने रिफाइनरी द्वारा वायु व जल प्रदूषण फैलाने के मामले की जांच के लिए एक स्पेशल ज्वाइंट एक्शन कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने कई माह तक चली जांच में रिफाइनरी को प्रदूषण फैलाने का दोषी पाया है।

पानीपत देश का 11वां और हरियाणा का दूसरा सबसे प्रदूषण वाला जिला है। प्रदूषण के कारण रिफाइनरी के आसपास स्थित गांवों न्यू बोहली, सिंहपुरा, सिठाना, ददलाना, रेर कलां, बाल जटान और करनाल जिले के गांव बेगमपुर, कुताना, मुनक में निवास कर रहे नागरिकों की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही प्रदूषण का दुष्प्रभाव मवेशियों और फसलों पर भी होने लगा। इन गांवों के ग्रामीणों ने अनेकों पर बार पानीपत रिफाइनरी प्रशासन से प्रदूषण खत्म करने के लिए कदम उठाने की गुहार लगाई, लेकिन ध्यान नहीं दिया।

गांव सिठाना के सरपंच सत्यपाल ने पानीपत रिफाइनरी प्रशासन के तानाशाही रवैए के खिलाफ 2018 में एनजीटी में शिकायत की। ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रिफाइनरी की कार्यप्रणाली की जांच के लिए पानीपत उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी ने लंबी जांच के बाद पानीपत रिफाइनरी को वायु व जल प्रदूषण फैलाने के लिए दोषी पाया। एनजीटी ने रिफाइनरी पर 17.31 करोड़ रुपये का जुर्माना किया। साथ ही रिफाइनरी प्रशासन को आईओसीएल के उच्चाधिकारियों ने कड़ी फटकार लगाई थी और प्रदूषण फैलाने व इसकी रोकथाम नहीं करने के लिए कौन लोग दोषी हैं, इसकी जांच के आदेश दिए थे।

जांच में आईओसीएल के वरिष्ठ अधिकारी भी दोषी पाए गए, लेकिन अधिकारियों के नाम सामने आते ही जांच बंद कर दी गई।एनजीटी ने पानीपत रिफाइनरी की प्रदूषण को लेकर कार्यप्रणाली की जांच के लिए स्पेशल ज्वाइंट एक्शन कमेटी का गठन कर दिया। इस कमेटी ने रिफाइनरी प्रशासन को वायु व जल प्रदूषण फैलाने, इसे नियंत्रित नहीं करने, इसके लिए किसी भी तरह का प्रयास नहीं करने आदि को दोषी पाया है। कमेटी ने रिफाइनरी पर 659 करोड़ रुपये का जुर्माना करने की सिफारिश की है। मंगलवार को इसका पता चलते ही आईओसीएल मुख्यालय से लेकर रिफाइनरी के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

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