7वां वेतन आयोग : केंद्रीय कर्मचारियों की क्‍यों नहीं मिल रही खुशखबरी? यहां जानिए – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 19 Aug 2018 07:30:05 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को करना होगा और इंतजार, जानें कब मिल सकता है फायदा? http://www.shauryatimes.com/news/8943 Sun, 19 Aug 2018 07:30:05 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=8943 केंद्रीय कर्मचारियों का इतंजार और बढ़ गया है. 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सातवें वेतन आयोग के तहत मिलने वाली सैलरी का ऐलान नहीं किया. मतलब यह कि सैलरी में इजाफा कब से और कितना होगा इसके लिए अभी इंतजार करना होगा. केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 15 अगस्त को लाल किले से पीएम मोदी उन्हें खुशखबरी देंगे, लेकिन एक बार फिर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी होगी. 2016 में वेतन आयोग की सिफारिशों के ऐलान के बाद से अब तक 5 बार ऐसा हो चुका है. अब केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि नए साल में उन्हें यह तोहफा जरूर मिलेगा, क्योंकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. 7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को करना होगा और इंतजार, जानें कब मिल सकता है फायदा?

दिवाली या नए साल पर हो सकता ऐलान!
50 लाख कर्मचारियों को निराश करने के बाद अब केंद्र सरकार उन्हें दिवाली या नए साल के आसपास यह तोहफा दे सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार आगामी चुनाव को देखते हुए तैयारी करना चाहती है. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सरकार के एजेंडे में फिलहाल सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें नहीं हैं. सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह सही समय पर सातवें वेतन आयोग का ऐलान करेगी. 

क्या होगा केंद्रीय कर्मचारियों का अगला कदम
सरकार के 15 अगस्त पर ऐलान नहीं होने से अब सवाल यही है कि केंद्रीय कर्मचारी का अगला कदम क्या होगा? क्या केंद्रीय कर्मचारी हड़ताल करेंगे या कुछ और. इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार पर कितना भरोसा है? क्योंकि, पिछली कई बार से उनकी उम्मीदें टूटी हैं, हालांकि, उन्हें अब भी न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी का इंतजार है. साथ ही अहम सवाल यह भी है कि क्या उनकी मांग मुताबिक सैलरी में इजाफा होगा या नहीं?

15 अगस्त पर नहीं थी उम्मीदें
उधर, कर्मचारी यूनियन का कहना है कि 15 अगस्त पर उम्मीदें टूटने जैसा कुछ नहीं है. उम्मीद है सरकार सही समय पर वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का ऐलान करेगी. 15 अगस्त पर ऐलान होने की संभावनाएं पहले से कम थीं, मीडिया और अफवाहों की वजह से ऐसी खबरों को ज्यादा तवज्जो दी गई. हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बीजेपी शासित राज्यों द्वारा घोषित 7वें वेतन आयोग के लाभों को देखते हुए उम्मीदें ज्यादा थीं. केंद्रीय कर्मचारियों को भी उनके वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद थी.

सही समय पर होगा ऐलान
एक रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारी के मुताबिक, NDA सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह न्यूनतम वेतन में और बढ़ोतरी पर विचार नहीं कर रही है. इसके बाद यह चर्चा बंद हो जानी चाहिए. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान सही समय पर ही होगा. कुछ समय पहले ही वित्त राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन ने कहा था कि सरकार फिलहाल न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी पर विचार नहीं कर रही है. हालांकि, भविष्य में वेतन वृद्धि जरूर की जाएगी. तब तक इसकी चर्चा करना मुनासिब नहीं है

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7वां वेतन आयोग : केंद्रीय कर्मचारियों की क्‍यों नहीं मिल रही खुशखबरी? यहां जानिए http://www.shauryatimes.com/news/7953 Wed, 08 Aug 2018 06:30:39 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=7953 केंद्रीय कर्मचारियों के 7वें वेतन आयोग से इतर न्‍यूनतम वेतनमान बढ़ाने की मांग के बीच खबर है कि इस साल सरकार को वेतन से ज्यादा पेंशन का भुगतान करना होगा. यह स्थिति 2021 (3 साल) तक बने रहने का अनुमान है. सरकार पर वेतन भुगतान के मुकाबले पेंशन खर्च 10,000 करोड़ रुपये अधिक पड़ेगा. संभव है कि इस मजबूरी के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों का न्‍यूनतम वेतन 18000 रुपए से बढ़ाकर 26000 रुपए नहीं किया जा रहा है.7वां वेतन आयोग : केंद्रीय कर्मचारियों की क्‍यों नहीं मिल रही खुशखबरी? यहां जानिए

लोकसभा में पेश मध्यावधि व्यय रूपरेखा (Medium Term Expenditure Framework) के अनुसार आने वाले वर्षों में सब्सिडी और ब्याज भुगतान पर भी सरकार का व्यय बढ़ेगा. वित्‍त मंत्रालय के दस्तावेज के मुताबिक सकारात्मक संकेत यह है कि 2020-21 तक सरकार राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3 प्रतिशत के स्तर पर लाने में कामयाब रहेगी. वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.1% और चालू वित्त वर्ष के लिए 3.3% रखा है.

इस साल जीडीपी दर 7.3% पर रहेगी
पूंजीगत व्यय चालू वित्त वर्ष में 3 लाख करोड़ रुपये के बजटीय अनुमान से थोड़ा अधिक रहने, 2019-20 में बढ़कर 3.27 लाख करोड़ रुपये होने और बाद में 3.76 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है. मध्यावधि व्यय रूपरेखा में अगले 3 वर्ष के व्यय लक्ष्यों को तय किया गया है. इसमें देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.3% रहने, 2019-20 में 7.5% और 2020-21 में 7.8% रहने का अनुमान लगाया गया है.

वेतन खर्च 1.58 लाख करोड़ रुपए रहेगा
सरकार का अनुमान है कि सरकार का वेतन व्यय 1.58 लाख करोड़ रुपये रहेगा जो पिछले वित्त वर्ष में 1.50 लाख करोड़ रुपये था. इसी प्रकार 2019-20 में यह बढ़कर 1.66 लाख करोड़ रुपये और 2020-21 में 1.74 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. वहीं सरकार का पेंशन पर व्यय वेतन की तुलना में अधिक रहने की उम्मीद है. चालू वित्त वर्ष में यह पिछले साल के 1.45 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इसी प्रकार 2019-20 में इसके 1.79 लाख करोड़ रुपये और 2020-21 में 1.84 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है.

भोजन पर सब्सिडी भी बढ़कर 1.69 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी
सरकार का खाद्य सब्सिडी भुगतान पिछले वित्त वर्ष के एक लाख करोड़ रुपये से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 1.69 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. वर्ष 2019-20 में यह 1.87 लाख करोड़ रुपये और 2020-21 में यह दो लाख करोड़ रुपये से ऊपर निकल सकता है. इसी प्रकार पेट्रोलियम सब्सिडी का बिल चालू वित्त वर्ष में 24,933 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 तक 28,546 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. 

रक्षा खर्च भी बढ़ने का अनुमान
सरकार का उर्वरक सब्सिडी, रक्षा खर्च और कराधान प्रशासन खर्च में भी बढ़ोत्तरी होने का अनुमान इस रपट में जताया गया है. उर्वरक सब्सिडी के इस साल 70,090 करोड़ से बढ़कर 2020.21 तक 80,246 करोड़ रुपये, रक्षा व्यय 1.92 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.20 लाख करोड़ रुपये और कर प्रशासन व्यय इस साल के 95,684 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020. 21 में 1.10 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है.

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