8 बार लग चूका है घाटी में राज्यपाल का शासन – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 20 Jun 2018 06:35:05 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 8 बार लग चूका है घाटी में राज्यपाल का शासन, जानिए क्यों http://www.shauryatimes.com/news/3879 Wed, 20 Jun 2018 06:35:05 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=3879 जम्मू-कश्मीर में इस समय हालत बद से बदतर बने हुए है, ऐसे दौर में कश्मीर में शान्ति की वकालत करने वाले कुछ लोगों के लिए भाजपा और पीडीपी गठबंधन का टूटना निराशाजनक फैसला है. ऐसे में आपको बता दें, कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगने वाला है लेकिन उसके विपरीत यह कश्मीर के लिए कोई नई बात नहीं है यहाँ पर पिछले 40 सालों में आठ बार राज्यपाल का शासन लग चूका है. जम्मू-कश्मीर में इस समय हालत बद से बदतर बने हुए है, ऐसे दौर में कश्मीर में शान्ति की वकालत करने वाले कुछ लोगों के लिए भाजपा और पीडीपी गठबंधन का टूटना निराशाजनक फैसला है. ऐसे में आपको बता दें, कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगने वाला है लेकिन उसके विपरीत यह कश्मीर के लिए कोई नई बात नहीं है यहाँ पर पिछले 40 सालों में आठ बार राज्यपाल का शासन लग चूका है.   बता दें, राज्य में 2008 से राज्यपाल का पद संभाले हुए एन एन वोहरा के रहते हुए ही यह चौथा मौका है जब कश्मीर में सरकारों के बीच मतभेद नजर आ रहे है, हालाँकि कुछ जगह राज्यपाल शासन लगाने के पीछे दूसरे कारण थे जिनमें पिछली बार  मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद आठ जनवरी 2016 को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ था. उस दौरान पीडीपी और भाजपा ने कुछ समय के लिए सरकार गठन को टालने का निर्णय किया था.  कश्मीर के हालातों की मुख्य वजह जो है वो यह है कि 2015 के जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद यहाँ पर भाजपा और पीडीपी में गठबंधन हुआ था. दोनों दलों ने यहाँ पर मिलकर सरकार चलाने का ऐलान किया था लेकिन मंगलवार को भाजपा ने इस गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद एक बार यहाँ पर हालात एक बार ऐसे हो गए है जब कश्मीर के लोगों के लिए किसी प्रकार का कोई नेतृत्व यहाँ पर मौजूद नहीं है.

बता दें, राज्य में 2008 से राज्यपाल का पद संभाले हुए एन एन वोहरा के रहते हुए ही यह चौथा मौका है जब कश्मीर में सरकारों के बीच मतभेद नजर आ रहे है, हालाँकि कुछ जगह राज्यपाल शासन लगाने के पीछे दूसरे कारण थे जिनमें पिछली बार  मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद आठ जनवरी 2016 को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ था. उस दौरान पीडीपी और भाजपा ने कुछ समय के लिए सरकार गठन को टालने का निर्णय किया था.

कश्मीर के हालातों की मुख्य वजह जो है वो यह है कि 2015 के जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद यहाँ पर भाजपा और पीडीपी में गठबंधन हुआ था. दोनों दलों ने यहाँ पर मिलकर सरकार चलाने का ऐलान किया था लेकिन मंगलवार को भाजपा ने इस गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद एक बार यहाँ पर हालात एक बार ऐसे हो गए है जब कश्मीर के लोगों के लिए किसी प्रकार का कोई नेतृत्व यहाँ पर मौजूद नहीं है.

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