all india muslim personal law board on mandir case – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 16 Dec 2018 18:52:19 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 मंदिर मामले पर कोई अध्यादेश आया तो सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड http://www.shauryatimes.com/news/22960 Sun, 16 Dec 2018 18:52:19 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=22960 सुप्रीम कोर्ट के अलावा किसी भी विकल्प को देंगे चुनौती

लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि राम मंदिर पर उसे और कौम को सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर होगा। यदि सरकार राम मंदिर को लेकर अध्यादेश लाएगी तो बोर्ड उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। बोर्ड की ओर से मांग की गई कि मामले की सुनवाई के दौरान जो लोग धर्म संसद और अन्य आयोजनों के जरिये दबाव बना रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट और सरकार उसका संज्ञान लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करे। रविवार को नदवा कॉलेज में मौलाना राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकारवार्ता में बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी, कासिम रसूल इलियास, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और डॉ. आस्मा जहरा ने कहा कि राम मंदिर मसले पर सुप्रीम कोर्ट के अलावा किसी भी विकल्प को बोर्ड शीर्ष अदालत में चुनौती देगा। हम संसद को कानून लाने से नहीं रोक सकते पर कानून की व्याख्या और औचित्य का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को है। मंदिर निर्माण की मांग को लेकर हुई धर्म संसद और ऐसे आयोजनों पर कौम की खामोशी के सवाल पर कहा कि हमारी मस्जिद शहीद हुई, उसके बाद भी अगर हम खामोश हैं तो यह न्यायपालिका और लोकतंत्र के प्रति हमारे यकीन का प्रमाण है।

तीन तलाक पर अध्यादेश को शीर्ष अदालत में देंगे चुनौती

जिलानी व बोर्ड के अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि तीन तलाक पर कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ और कौम की महिलाओं के हित में नहीं है। अगर हमारी परंपराओं में कोई कमी है, उनमें सुधार की जरूरत है तो हमें उस पर बहस कर रायशुमारी करने और उसके अनुसार संशोधन में कोई हर्ज नहीं है। यह प्रक्रिया बड़े शहरों और प्रमुख प्रदेशों से शुरू भी हो चुकी है। आगे हम इन मुद्दों पर होने वाली बहसों में समाज के अन्य प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को भी शामिल करेंगे। साथ ही छोटे शहरों में भी इन पर बहस होगी। बोर्ड अन्य दलों से मदद मांगेगा कि वे तीन तलाक के अध्यादेश को न पारित होने दें। जरूरत हुई तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे।

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