anandiben patel – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 27 Nov 2019 17:22:18 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अपनी शक्ति को पहचानें तभी ‘सशक्त महिला-सशक्त भारत’ का सपना होगा साकार- राज्यपाल http://www.shauryatimes.com/news/66933 Wed, 27 Nov 2019 17:21:06 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=66933 सशक्त महिला समर्थ भारत’ विषय पर आयोजित गोष्ठी का किया उद्घाटन

लखनऊ : प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को निरालानगर स्थित सरस्वती कुंज के माधव सभागार में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में ‘सशक्त महिला समर्थ भारत’ विषय पर आयोजित गोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं को मां, बहन, पुत्री और पत्नी के रूप में सम्मान दिया जाता है। सिर्फ सम्मान देने और परम्परा को निभाने से महिलाओं का सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विकास नहीं हो सकता। महिलाओं में देश और समाज के विकास को आगे ले जाने की शक्ति है, बस जरूरत इस बात की है कि वे अपनी शक्ति को पहचाने और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दिया जाये।

राज्यपाल ने कहा कि मातृशक्ति को अपनी ताकत पहचाननी चाहिए तथा उन्हें बेटे और बेटी में भेदभाव के अन्तर को अपने दिमाग से निकालना होगा। इसके लिये जरूरी है कि वे बेटियों को जन्म देने तथा कन्या भ्रूण हत्या का विरोध करने का साहस दिखायें तभी महिलाओं का सशक्तिकरण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि न केवल हमारे प्राचीन ग्रन्थ, बल्कि हमारा भारतीय संविधान भी महिलाओं के सम्मान की बात करता है। एक बेटी जब मन एवं विचार से मजबूत होगी तभी वह शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी मजबूत हो सकेगी।

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जब मैं विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में जाती हूँ और गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली बच्चियों को देखती हूँ तो सोचती हूँ कि वे माता-पिता कितने सौभाग्यशाली हैं, जिन्होंने ऐसी बेटियों को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे माता-पिता जो अपनी बेटी को गर्भ में ही मार डालना चाहते हैं, उन्हें इस बात पर गम्भीरता से सोचना चाहिए कि क्या वे ऐसी बेटियों के माता-पिता कहलाना पसन्द नहीं करेंगे, जिन्होंने अथक परिश्रम कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपनी शिक्षा, रोजगार, अधिकार आदि के मुद्दों पर सदैव जागृत रहना होगा। उन्होंने कहा कि सशक्त महिला समर्थ भारत का सपना तभी सम्भव है, जब गर्भ में पलने वाले बच्चे को कुपोषण से बचाने के लिये गर्भवती महिलाएं शुरू से ही पौष्टिक आहार ग्रहण करेंगी, तभी एक स्वस्थ बच्चे का जन्म होगा और वही स्वस्थ बच्चा आगे चलकर समर्थ भारत बनाने में अपना योगदान देगा।

राज्यपाल ने कहा कि मैं विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में बेटियों के हिमोग्लोबिन की जांच कराये जाने की बात जरूर कहती हूँ, जिससे यह पता चल सके कि उनमें खून की कमी तो नहीं है। क्योंकि यदि बेटी स्वस्थ रहेगी तभी वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। उन्होंने कहा कि माता का पहला दूध एक स्वस्थ बच्चे के लिये अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि उस दूध में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। यह दूध बच्चों के लिये टाॅनिक का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि यहां बैठी सभी मातृशक्ति इस बात का संकल्प लें कि वे कम से कम एक साल बाद ही बच्चे को बाहर का दूध देंगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में बेटियों को गर्भ संस्कार के बारे में भी बताने को कहती हूँ ताकि वे जान सकें कि गर्भधारण करने के दौरान उन्हें क्या-क्या करना चाहिए। इसके साथ ही बेटियों से आग्रह करती हूँ कि वे दहेज मांगने वालों से शादी न करने की हिम्मत दिखायें तभी समाज में बदलाव आयेगा। इस अवसर पर स्वामी गिरीशानन्द, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, यतीन्द्र एवं रेखाबेन चूड़ासमा आदि सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।

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