angry akhilesh yadav – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Tue, 23 Jul 2019 18:49:26 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अखिलेश की सुरक्षा से हटाए गए एनएसजी कमांडो http://www.shauryatimes.com/news/49797 Tue, 23 Jul 2019 18:49:26 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=49797 कई अन्य नेताओं की भी सुरक्षा घटाई गयी

लखनऊ : केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई नेताओं की केंद्रीय सुरक्षा हटा ली है। केंद्र सरकार के इस निर्णय से सत्ता और विपक्ष दोनों के नेता प्रभावित हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले के बाद सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सुरक्षा से अब एनएसजी कमांडो हटा लिए गये हैं। वह अब उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा में रहेंगे।  गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा, मुजफ्फरनगर दंगों में आरोपी रहे भाजपा विधायक और वर्तमान में उप्र सरकार में मंत्री सुरेश राणा, उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज और भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम की सुरक्षा में भी कटौती की गई है। इसी तरह बसपा के राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा और विधायक अवतार सिंह भड़ाना से भी अब केंद्रीय सुरक्षा वापस ले ली गयी है। गृह मंत्रालय के फैसले के बाद इन नेताओं को अब केंद्र की सुरक्षा नहीं मिलेगी। हालांकि प्रदेश में उन्हें सुरक्षा जारी रहेगी।

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समाजवाद को गुस्सा भी आता है ! http://www.shauryatimes.com/news/40540 Mon, 22 Apr 2019 18:10:06 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=40540 -राघवेन्द्र प्रताप सिंह

 लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को आज मेरे सवाल इतने अखरे कि वे एक पत्रकार की औकात और उसकी हैसियत तलाशने में लग गये। लोहिया की विरासत ढोने वाले करोड़ पति लोहियावादी अखिलेश यादव से मैंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव पर सवाल क्या कर दिया कि वे तमतमा उठे। सवाल अखिलेश की ओर से ही उठा कि-संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट किया जा रहा है। इस पर मैंने सवाल किया कि आप उन संवैधानिक संस्थाओं का नाम बता दें? तथाकथित रूप से नष्ट की जाने वाली संवैधानिक संस्थाओं के नाम तो उन्होंने नहीं बताए लेकिन तुरंत ही मैंने सवाल किया कि उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को आप संवैधानिक संस्था मानते हैं तो आपके शासनकाल में एक कातिलाना हमले के आरोपी अपराधी अनिल यादव को कैसे उसका अध्यक्ष बना दिया गया जिसको कोर्ट ने बर्खास्त किया वो कैसे अध्यक्ष बना रहा? …बस! अखिलेश यादव का समाजवाद गुस्से से लाल हो गया।

दुख इस बात का है जब अखिलेश यादव सवाल पूछने पर अभद्रता पर उतारू थे उस वक्त किसी भी मीडिया सहयोगी ने उनका विरोध नहीं किया। अब हर नेता चाहता है कि किसी भी पत्रकार की यह हिम्मत न हो कि वह नेता से असहज सवाल करे। ऐसे माहौल में स्वस्थ पत्रकारिता की बात करना ही बेईमानी है और उस पर पूरी प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों का खामोशी ओढे रखना भी उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा करता है। आज मेरे साथ कल चुप रहने वालों के साथ यही होगा..गजब तो यह है तथाकथित पत्रकार संगठन सेलेक्टिव पत्रकारों की आवाज बनते हैं और ज्यादातर मामलों में खामोशी ओढे रखते हैं ।

 

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