Bank FD से ज्यादा रिटर्न देती है Corporate FD – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 23 Sep 2020 07:10:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 Bank FD से ज्यादा रिटर्न देती है Corporate FD, इन्वेस्टमेंट से पहले इन जोखिमों के बारे में जरूर जान लें http://www.shauryatimes.com/news/84755 Wed, 23 Sep 2020 07:10:21 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=84755 भारत में बैंक फिक्स डिपॉजिट (Bank FD) एक काफी सामान्य और सबसे अधिक लोकप्रिय निवेश विकल्प है। लेकिन पिछले कुछ महीने से बैंक एफडी पर ब्याज दरों में आ रही गिरावट के कारण लोग इसका विकल्प तलाश रहे हैं, ताकि अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकें। ऐसे निवेशकों को एक्सपर्ट्स एएए रेटिंग वाले कॉरपोरेट फिक्स डिपॉजिट्स (Corporate FD) में निवेश शुरू करने की सलाह देते हैं। यहां निवेशकों को एक बात यह जान लेनी चाहिए कि कॉरपोरेट फिक्स डिपॉजिट्स में बैंक एफडी की तुलना में जोखिम अधिक होता है।

एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) और आईसीआईसीआई होम फाइनेंस लिमिटेड (ICICI Home Finance Ltd) जैसी एएए रेटिंग वाली कॉरपोरेट एफडी बैंक एफडी की तुलना में एक से दो फीसद अधिक रिटर्न देती है। एक निवेशक को कॉरपोरेट एफडी में निवेश करने से पहले तीन जोखिमों के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए। आइए जानते हैं कि वे क्या हैं।

डिफॉल्ट रिस्क

बैंक एफडी से इतर कॉरपोरेट एफडी असुरक्षित होती है। यह निवेश उत्पाद न तो पूंजी की और न ही ब्याज भुगतान की सुरक्षा की गारंटी देता है। अगर कंपनी वित्तीय संकट का सामना करती है, तो एक निवेशक के रूप में आपको अपना धन खोना पड़ सकता है।

टैक्स के बाद रिटर्न

कॉरपोरेट एफडी पर ब्याज निवेशक की आय में जुड़ता है और उस पर आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स कटता है। जो निवेशक उच्च टैक्स स्लैब में आते हैं, उनके लिए कॉरपोरेट एफडी आकर्षक नहीं रह पाती, क्योंकि टैक्स के बाद रिटर्न घट जाता है।

प्री-मैच्योर निकासी

अधिकतर कंपनी एफडी तीन महीने की लॉक-इन अवधि के साथ आती हैं, जिस दौरान निवेशक निकासी नहीं कर सकता है। यहां तक कि लॉक-इन अवधि के पूरा होने के बाद भी प्री-मैच्योर निकासी का मतलब है पूरी एफडी को बंद करना। यहां आशिंक निकासी की कोई सुविधा नहीं होती है। इसके अलावा, एक निवेशक को एफडी परिपक्व होने से पहले निकासी करने के पर कुछ ब्याज गंवाना पड़ेगा।

]]>