bjp on sapa chief akhilesh yadav – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 17 Nov 2019 17:45:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 सपा कार्यकाल के दो प्रोजक्ट में भाजपा ने बचाए 4915.01 करोड़ : मनीष शुक्ला http://www.shauryatimes.com/news/65144 Sun, 17 Nov 2019 17:45:52 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=65144 पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और कानपुर मेट्रो पर सपा कार्यकाल में दिया गया अधिक बजट
भाजपा प्रवक्ता बोले, सपा कार्यकाल में काम नहीं, होती थी जमकर लूट

लखनऊ : अमूमन किसी प्रोजक्ट का समय बढ़ता है तो उसका बजट बढ़ जाता है। इसी कारण पहले कोई प्रोजक्ट समय से पूरा नहीं होता था और अधिकारी व ठेकेदार मिलकर बजट में बढ़ोत्तरी करवा देते थे। लेकिन यूपी के दो प्रोजक्ट ऐसे रहे, जिसमें समय के बाद कार्य शुरू होने पर भी 4915.01 करोड़ से ज्यादा की बचत हो गयी। ये प्रोजक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और कानपुर मेट्रो प्रोजक्ट हैं। इन दोनों प्रोजक्ट का बजट सपा के कार्यकाल में 29499.99 करोड़ रुपये तय हुआ था, जबकि भाजपा के कार्यकाल में शुरू हुए दोनों प्रोजक्ट को मिलाकर 24584.98 रुपये का बजट तय हुआ है।

भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि सपा के कार्यकाल में काम नहीं, लूट होती थी। वहां हर बजट को बनाने से पहले अपनी जेब भरने का तरीका निकाला जाता था। इसी कारण इन दोनों प्रोजक्ट का अधिक बजट जान-बूझकर बनवाया गया। देखा जाय तो सामान्य तौर पर कोई प्रोजेक्ट एक साल आगे बढ़ने पर उसकी लागत में दस प्रतिशत की वृद्धि होती है, इस लिहाज से अगर ये प्रोजेक्ट ढाई साल पहले भाजपा सरकार ने पूरे करवाये होते तो 7515 करोड़ से ज्यादा बचत होती। सपा सरकार में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का बजट 14299.99 करोड़ रुपये तय हुआ था। जब भाजपा की सरकार आयी तो इसका पुनरीक्षित बजट 12784.98 करोड़ रुपये तय हुआ।

इसी तरह से कानपुर मेट्रो का बजट सपा सरकार में 15200 करोड़ रुपये तय हुआ था, जबकि भाजपा सरकार ने 11800 करोड़ रुपये तय किये और वहां पर मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया। मनीष शुक्ला ने कहा कि सपा जनता के पैसे को फिजुलखर्ची में उड़ाती थी। यह मात्र दो प्रोजक्ट का यह हाल है। इसके अलावा गोमती रिवर फ्रंट के लिए सपा कार्यकाल में दिये गये बजट की जांच चल रही है। उसमें भी सपा सरकार ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए कार्य किया था। हर व्यक्ति जानता है कि उसमें काम कम, बजट का खेल ज्यादा हुआ था।

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