cm inaugurate yuva kumbh in lucknow – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 23 Dec 2018 09:49:34 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 नारों में उलझने की जरूरत नहीं, राम मन्दिर जब भी बनेगा, हम ही बनवाएंगे : योगी http://www.shauryatimes.com/news/23971 Sun, 23 Dec 2018 09:13:34 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=23971 सीएम ने राजधानी में आयोजित युवा कुम्भ का किया उद्घाटन

लखनऊ : राजधानी में युवा कुम्भ का विधिवत उद्घाटन आज राज्यपाल राम नाईक तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। बंगला बाजार स्थित ‘स्मृति उपवन’ में आयोजित इस युवा कुम्भ में विभिन्न क्षेत्रों की कई चर्चित हस्तियां शामिल हुई हैं। वहीं देशभर से हजारों युवा पहुंचे हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अयोध्या में राम मन्दिर के मुद्दे पर कहा कि नारों में उलझने की आवश्यकता नहीं। कुछ लोग गोत्र और जनेऊ दिखा रहे हैं। रामजन्मभूमि के बारे में बोल रहे हैं, लेकिन ये कार्य कोई दूसरा नहीं करेगा जब भी करेंगे, हम ही करेंगे।

उन्होंने कहा कि राम नगरी अयोध्या में समरसता कुम्भ का आयोजन सम्पन्न हुआ और आज प्रदेश की राजधानी में चौथा वैचारिक कुम्भ ‘युवा कुम्भ’ के रूप में आयोजित हो रहा है। कुछ लोगों ने इसके बारे में दुष्प्रचार करने का प्रयास किया था। इसका पहले भी दुष्प्रचार हुआ है। उन्होंने कहा कि ये भी कहने का प्रयास हुआ कि कुम्भ का आयोजन दलित विरोधी है, जबकि 12 से 15 करोड़ लोग कुम्भ में आते हैं। इसमें किसी भी प्रकार का भेद नहीं होता है। कुम्भ के आयोजन में पूरा देश बिना किसी आमंत्रण के प्रयाग की धरती पर आता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के बाद यह पहला कुम्भ होगा जिसमें गंगा का शुद्ध जल आने वाले सभी श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अतीत से भटका व्यक्ति वर्तमान का त्रिशंकु होता है। वो भटकता रहता है। हमारा युवा त्रिशंकु नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की धरती पर वैचारिक कुम्भ का घोष एक साथ दोहराया जाएगा। बहुत सारी चीजें बहुत सारी बातें होंगी। कुम्भ का जो शाब्दिक अर्थ है, हमें पहली बार प्राप्त होगा। ये पहला कुम्भ है जब यूनेस्को ने इसे सबसे बड़े आध्यत्मिक सांस्कृतिक आयोजन के रूप में इसे मान्यता दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 दिसम्बर को 70 से अधिक देशों से राजदूत और उच्चायुक्त इसे देख कर गए हैं। प्रयागराज कुम्भ में पहली बार अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन श्रद्धालुओं को होंगे। अकबर द्वारा किला बनाने के बाद ये दर्शन बन्द हो गए थे। हम इसे खोलने जा रहे हैं। प्रत्येक दिन इसे आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा।

 

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